एक साल से नहीं मिली कन्वर्जन कॉस्ट
मैनपुरी : परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 1.85 लाख छात्र-छात्राओं के मुंह का निवाला जल्द ही छिन ज
मैनपुरी : परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत 1.85 लाख छात्र-छात्राओं के मुंह का निवाला जल्द ही छिन जाएगा। सरकार ने एक साल से मिड-डे मील बनाने को कन्वर्जन कॉस्ट गुरुजी को नहीं भेजी है। अपनी जेब से खर्च कर रहे पैसे का भुगतान नहीं होने पर अब शिक्षक संघ ने भी पंचायत चुनाव समाप्त होते ही विद्यालयों में मिड-डे मील नहीं बनाने का फैसला ले लिया है।
जिले में 21 सौ परिषदीय और शासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों में 1.85 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। जिन्हें सरकार द्वारा मीनू के मुताबिक हर रोज स्कूल में ही भोजन खिलाने का प्रावधान है। मिड-डे मील बनाने के लिए कच्चा राशन तो शासन से उपलब्ध होता है, लेकिन इसे बनाने में आने वाला खर्च गुरुजी अपनी जेब से करते हैं और बाद में इन्हें भुगतान मिलता है। लेकिन एक साल से इन्हें कन्वर्जन कॉस्ट नहीं मिली है।
मार्च 2015 में शासन से कन्वर्जन कॉस्ट का 10 करोड़ रुपया विभाग को 30 मार्च को उपलब्ध हुआ था। लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते यह धनराशि बैंक से नहीं निकाली गई और 31 मार्च को लैप्स हो गई। अब हालात ये हैं कि एक साल से पैसा नहीं मिलने के कारण शिक्षक मिड-डे मील बनाने को हाथ खड़े करने लगे हैं।
नेताजी कहिन
'आखिर शिक्षक कब तक अपनी जेब से मिड-डे मील बनवाने में अपनी जेब से पैसा खर्च करें। एक साल से कन्वर्जन कॉस्ट का पैसा शिक्षकों को नहीं मिला है। चुनाव आचार संहिता 13 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी और 15 दिसंबर से सभी शिक्षक विद्यालयों में मिड-डे मील बनवाना बंद कर देंगे।
राजीव यादव, जिलाध्यक्ष उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ, मैनपुरी।
अधिकारी कहिन
'मार्च 2015 में शासन से कन्वर्जन कॉस्ट आई थी। लेकिन ऑनलाइन सर्वर बैंक का खराब होने के कारण 31 मार्च को धनराशि लैप्स हो गई। अब तीन महीने की कन्वर्जन कॉस्ट देने की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही शिक्षकों को कन्वर्जन कॉस्ट मिल जाएगी।
हरकेश यादव, बीएसए, मैनपुरी।