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आखिर कब सुधरेंगे हम..

मैनपुरी : अपने घर और आंगन को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मगर, घर के आसपास सार्वजनिक स्थान

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 06:59 PM (IST)
आखिर कब सुधरेंगे हम..

मैनपुरी : अपने घर और आंगन को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। मगर, घर के आसपास सार्वजनिक स्थान की सफाई करने से परहेज रखते हैं। ये हालात उन रास्तों के हैं, जहां से रोजाना सैकड़ों लोगों का आवागमन होता है।

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शहर में सफाई के लिए नगर पालिका परिषद जिम्मेदार है। मगर, हाल देखिए, पालिका की न तो कूड़ा निस्तारण व्यवस्था कारगर है और न ही कूड़ा उठान की। जिसे जहां जगह मिलती है, वो वहीं कूड़ा फेंक देता है।

शहर के कुछ ऐसे ही सार्वजनिक रास्ते हैं, जिन्हें लोग अब कूड़ा वाला मार्ग कहकर पुकारने लगे हैं। नगर पालिका परिषद की लापरवाही ही शहर को स्मार्ट बनाने के बजाए नर्क में तब्दील करने का काम कर रही है।

दृश्य एक : गोला बाजार चौराहा

यहां से थोड़ी दूर पर पुलिस लाइन कॉलोनी बसी है। मगर, चौराहे पर वर्षों से डाले जा रहे कूडे़ को हटवाने के लिए आज तक किसी ने भी पहल नहीं की है। कूड़ा अब चौराहे की पहचान बन चुका है। यहां नगर पालिका परिषद द्वारा कूड़ादान न रखवाए जाने के कारण स्थानीय लोग भी खुले में ही कूड़ा करकट फेंकते रहते हैं।

दृश्य दो : कीरतपुर मार्ग

कांशीराम कॉलोनी कीरतपुर की ओर जाने वाला यह रास्ता अब गंदगी से पटा हुआ है। यहां सड़क के दोनों किनारों को लोगों ने अस्थायी डलावघर बना डाला है। कहीं गोबर फेंका जाता है तो कहीं घरों से निकलने वाले अपशिष्ट। यहां की स्थिति यह है कि दुर्गंध के कारण रास्ते से गुजरना भी मुश्किल होता है। गोबर सड़क की दुर्गंध दूर-दूर तक जाती रहती है।

दृश्य तीन : कचहरी रोड

यहां नगर पालिका परिषद की देखरेख में रास्ते को गंदा करने का काम होता है। नाले में पड़ी गंदगी को आए दिन नगर पालिका परिषद कर्मियों द्वारा निकालकर यूं ही सड़क पर फेंक दिया जाता है। गुरुवार की दोपहर को गंदगी को निकालकर सड़क पर छोड़ दिया गया। हाल यह हुआ कि रास्ते से गुजरने वाले हर एक राहगीर को परेशानी उठानी पड़ी। आए दिन की इस अव्यवस्था को सुधारने के पालिका के पास कोई इंतजाम नहीं हैं।

दृश्य चार : देवी रोड

यहां कच्चा आढ़ती स्कूल के पास फेंके जा रहे कूडे़ के निस्तारण के लिए पालिका आज तक कोई इंतजाम नहीं कर पाई है। विद्यालय संचालक से लेकर यहां रहने वाले हर एक व्यक्ति ने इसका विरोध भी किया। मगर, पालिका है कि उसे किसी की परेशानी से कोई सरोकार नहीं। कू़ड़ेदान का कोई इंतजाम नहीं कराया गया है। ऐसे में यहां सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को होती है।

दृश्य पांच : श्मशान घाट रोड

यह पूरा रास्ता तो डलावघर बना हुआ है। खुद नगर पालिका परिषद द्वारा यहां नदी किनारे गंदगी ¨फकवाई जाती है। जिम्मेदारों द्वारा ही गंदगी को बढ़ावा दिए जाने के कारण स्थानीय लोगों के विरोध का भी कोई असर नहीं होता है।


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