यहां तो अस्पताल की इमरजेंसी ही बीमार
मैनपुरी : तकरीबन डेढ़ साल पहले बनवाया गया जिला अस्पताल का नवीन इमरजेंसी भवन अब खुद ही बीमार है। ज
मैनपुरी : तकरीबन डेढ़ साल पहले बनवाया गया जिला अस्पताल का नवीन इमरजेंसी भवन अब खुद ही बीमार है। जगह-जगह से पिलर और दीवालें दरकने लगी हैं। कार्यदायी संस्था द्वारा लगवाई गईं नलों की टोंटियां और विद्युत उपकरणों का भी कोई अता-पता नहीं है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत महाराजा तेज ¨सह जिला चिकित्सालय परिसर में इमरजेंसी व प्रशासनिक भवन का निर्माण कराया गया था। कार्यदायी संस्था पैकफेड निर्माण खंड फीरोजाबाद द्वारा पूरे भवन का काम कराया गया। निर्माण कार्य पूर्ण होते ही 22 फरवरी 2014 को तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक नानक चंद्र और वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके गुप्ता की उपस्थिति में राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने नवीन इमरजेंसी का उद्घाटन किया था।
16 महीने बाद अब हाल पूरी तरह से बदल गए हैं। इमरजेंसी के बाहर का एक पिलर दरकने लगा है। कमरों में लगवाए गए बिजली के स्विच और प्लग भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पंखों के बटन खराब कर दिए जाने के कारण मरीजों को गर्मी में ही लेटना पड़ता है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो शौचालय की है। यहां शौचालय का दरवाजा टूट चुका है। सहारा देने को वॉश बेसिन से रस्सी बांधकर रोक दिया गया है। शौचालय बदहाल हैं। अधिकांश सामान गायब हो चुका है। न तो आइनों का अता-पता है और न ही टोंटियों का। हद तो इस बात की है शौच के लिए मंगवाई गई बाल्टियां भी गायब हो चुकी हैं।
अब यहां शौच के लिए आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन इस अव्यवस्था को दुरुस्त कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सागर का कहना है कि इसकी जानकारी कार्यदायी संस्था को दी जा चुकी है। संस्था से एक अधिकारी निरीक्षण भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं कराई गई है। रही बात टोंटियों और अन्य सामान के गायब होने की, तो यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर नजर रख पाना संभव नहीं है। लोगों द्वारा ही सामान को गायब किया जाता है। प्रयास किए जा रहे हैं मरीजों की सुविधा को देखते हुए नया इंतजाम करा दिया जाए।