प्रभु भक्ति से बढ़ता वैराग्य
मैनपुरी : सीआरबी स्कूल में आयोजित निरंकारी सत्संग में संत राम भरत ने कहा कि प्रभु की भक्ति से मनुष्य
मैनपुरी : सीआरबी स्कूल में आयोजित निरंकारी सत्संग में संत राम भरत ने कहा कि प्रभु की भक्ति से मनुष्य में वैराग्य बढ़ता है। उसका सांसारिक माया-मोह समाप्त होने लगता है, वह सभी के प्रति मानवता का व्यवहार कर सभी से प्रेम करता है। प्रेम ही ईश्वर के प्रति सच्चा समर्पण है।
उन्होंने कहा कि प्रभु सुमिरन के लिए मन की एकाग्रता आवश्यक है। इसके बाद मन पूर्ण रूप से स्थिर होकर प्रभु के प्रति समर्पित हो जाता है। मनुष्य को ¨चता तब होती है जब उससे कोई दूर हो जाता है। जब वह माया से मुक्त हो जाता है, तो उसे किसी के आने-जाने का दुख नहीं होता है वह हर हाल में प्रभु के प्रति समर्पित रहता है। दूसरे को सुख देने से अपने को भी सुख मिलता है। कील जहाज के साथ जुड़ कर आसमान की ऊंचाइयां छूती है। जो प्रभु से जुड़ जाता है वही संत कहलाता है। संत शांति का पैगाम हर युग में देते आए हैं। गुरु के आदेश का पालन करना ही गुरु की सेवा करना है। सत्संग में सुमन, अनीता, सरोज, जूली, कुसुम, रेशमा आदि ने गीत व भजनों के माध्यम से गुरु व प्रभु का गुणगान किया। अंत में जिला प्रमुख पुष्पा कालरा ने आभार व्यक्त किया।