'समाजवादी सोच से देश का विकास चाहते थे चंद्रशेखर'
मैनपुरी : गरीबों और समाज के शोषित पीड़ित आवाम को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राजनीति करने वाले
मैनपुरी : गरीबों और समाज के शोषित पीड़ित आवाम को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राजनीति करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर प्रखर वक्ता होने के साथ ही समाजवादी चिंतक भी थे। जो हमेशा समाजवादी सोच के आधार पर राष्ट्र के विकास की कल्पना करते थे।
यह विचार प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री आलोक शाक्य ने शुक्रवार को आवास विकास कॉलोनी स्थित सपा कार्यालय पर आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के 89वें जन्मदिन पर आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए।
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. प्रियरंजन आशू दिवाकर ने कहा कि स्वर्गीय चंद्रशेखर देश में एक मात्र समाजवादी सोच के प्रधानमंत्री हुए हैं। सदर विधायक राजकुमार यादव और करहल विधायक सोबरन सिंह यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जब लोकसभा में बोलते थे तो विरोधी भी सुनने के लिए शांत हो जाते थे।
इस अवसर पर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉ. दीपसिंह पाल, पूर्वमंत्री सुभाष चंद्र यादव, पूर्व एमएलसी अवधेश यादव, अनिल यादव, जिप सदस्य सतीश यादव, सुजान सिंह यादव, प्रो. केसी यादव, जयसिंह कश्यप, श्यामबरन शास्त्री, देवेंद्र सिंह यादव, चंद्रशेखर यादव, ओमशरण यादव, वंदना यादव, कृष्णादास लोधी, हरवीर सिंह प्रजापति, मुजम्मिल मिर्जा, रक्षपाल सिंह चौहान, सर्वेश गुप्ता, संजीव एटम, मातादीन यादव, योगेंद्र सिंह पाल, कामता प्रसाद यादव, राजेश खटीक, मुन्ना भदौरिया, राजीव प्रताप सिंह यादव, ज्ञानेंद्र चौहान आदि मौजूद थे। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष खुमान सिंह वर्मा ने और संचालन जिला महासचिव सुखवीर सिंह यादव ने किया।
याद नहीं आई सर्वपल्ली की पुण्य तिथि
मैनपुरी : शुक्रवार को एक ओर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के जन्म दिन पर सपाइयों ने उन्हें याद किया। लेकिन भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की पुण्य तिथि किसी को याद नहीं रही। उनकी चालीसवीं पुण्यतिथि पर स्कूलों में भी उन्हें पुष्प अर्पित नहीं किए गए।
17 अप्रैल 1975 को देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रहे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का लंबी बीमारी के बाद तमिलनाडु में निधन हो गया था। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। भारत सरकार ने उनकी उपलब्धियों पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। 5 सितंबर को उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन शुक्रवार को उनकी चालीसवीं पुण्य तिथि थी लेकिन किसी को याद ही नहीं रही। न तो कोई गोष्ठी हुई और न ही उनकी याद में कोई अन्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सार्वजनिक अवकाश में भी खुले स्कूल
मैनपुरी : पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जयंती पर शासन ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। मगर जिले में अवकाश के बावजूद विद्यालय खुले। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर की जयंती पर पर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। निर्देश दिए थे कि बैंकों को छोड़कर बाकी सारे संस्थानों में अवकाश रहेगा। मगर, स्कूल संचालकों ने शासन के निर्देश को धता बताते हुए छुट्टी के दिन भी स्कूलों का संचालन किया। शुक्रवार को नगर के अधिकांश प्राइवेट व सहायता प्राप्त विद्यालय खुले। अपने पूर्ववत समय के अनुसार ही दिन भर पढ़ाई कराने के बाद बच्चों की छुट्टी की गई। अवकाश के दिन विद्यालयों का बेखौफ संचालन किए जाने पर शिक्षाधिकारियों ने भी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं उठाई।
इधर जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि सार्वजनिक अवकाश में विद्यालयों का संचालन भी नहीं किया जा सकता। ऐसे सभी विद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।