वेद भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर
मैनपुरी, भोगांव: वेद भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। वैदिक ज्ञान होने पर व्यक्ति हमेशा ईश्वरवाद
मैनपुरी, भोगांव: वेद भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। वैदिक ज्ञान होने पर व्यक्ति हमेशा ईश्वरवादी बना रहता है और वह जीवन भर गलत कार्यो से दूरी बनाकर समाज के लिए हमेशा अच्छी सोच रखता है। वेदों की महिमा अपरंपार है और इनमें समाहित ज्ञान को अर्जित करने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों को नष्ट करने के लिए आर्य समाज द्वारा किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय है। समाज के लोगों को भी ऐसे कार्यों में सहभागिता करनी चाहिए।
यह बात एसडीएम एमपी गुप्ता ने नगर के मुहल्ला छोटा बाजार स्थित आर्य समाज मंदिर में आयोजित आर्य समाज के तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के शुभारंभ अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती का व्यक्तित्व समाज के लिए एक अमूल्य धरोहर है। उनके द्वारा समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों को नष्ट करने के लिए किए गए प्रयासों से ही सामाजिक समरसता का माहौल कायम हुआ है। पूर्व में एसडीएम ने ओम ध्वज का ध्वजारोहण कर व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रात:काल आयोजित हवन यज्ञ में हरियाणा की आर्य विद्वान अंजली आर्या, डॉ. शिवदत्त पांडेय ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं से आहुतियां दिलवाई। यजमान के रूप में एसडीएम, सुदिति ग्लोबल एकेडमी के निदेशक डॉ. राममोहन, चिकित्सक डॉ. उत्तम सिंह, कप्तान सिंह राजपूत, गोपालदास लोधी, अनिल यादव मौजूद रहे। कार्यक्रम में पूरे दिन चले प्रवचनों में आर्य विद्वान पं. रघुनाथ देव, डॉ. सुरेश चन्द्र शास्त्री, ओमशरन आर्य आदि ने श्रद्धालुओं को वेदों की महिमा से अवगत कराया। कार्यक्रम संयोजक विष्णुमित्र, स्वागताध्यक्ष रामौतार यादव ने कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की और मुख्य अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान देवमित्र, चंद्रप्रकाश यादव, रघुनंदन सिंह, मुकेश चंदेल, कामता सिंह, ब्रजेश पांडेय, रोहनलाल वर्मा, डॉ. यज्ञमित्र, ओमप्रकाश वर्मा, श्रीचन्द्र वर्मा, श्याम सिंह शाक्य, केएल वर्मा, कृष्णादास लोधी, बांकेलाल आर्य, डॉ. उदय शर्मा, सुभाष चौहान, सुरेन्द्र शुक्ला, प्रशांत आर्य, गिरन्द सिंह यादव, दयाराम मौजूद थे।