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तहसील की लापरवाही विद्यार्थियों पर पड़ी भारी

मैनपुरी: सदर तहसील की लापरवाही के चलते सैकड़ों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। प्रमाणन अधि

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 07:46 PM (IST)
तहसील की लापरवाही विद्यार्थियों पर पड़ी भारी

मैनपुरी: सदर तहसील की लापरवाही के चलते सैकड़ों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। प्रमाणन अधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षरों के एक्सपायर होने के कारण छात्र ऑन लाइन छात्रवृत्ति के आवेदन फॉर्म जमा नहीं कर सके।

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आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों के लिए सदर तहसील में व्यवस्था की गई है। छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर निर्धारित की गई थी। अंतिम तिथि को देखते हुए सैकड़ों आवेदकों ने आय प्रमाण पत्र के आवेदन फॉर्म भरकर तहसील की एकल खिड़की पर जमा कराए थे।

नियमानुसार 20 कार्य दिवसों में यह प्रमाण पत्र आवेदकों को दिए जाने थे। लेकिन अंतिम तिथि बीतने के बाद भी तहसील प्रशासन विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा सका। दरअसल, 25 अक्टूबर को सदर तहसील में रखी डिजीटल हस्ताक्षर मशीन की अंतिम तिथि बीत चुकी थी। प्रमाण पत्रों पर तहसीलदार के डिजीटल हस्ताक्षरों के बगैर प्रमाण पत्रों को वैध नहीं माना जाता है।

तहसील प्रशासन की लापरवाही के चलते लगभग 550 विद्यार्थियों के आय प्रमाण पत्र लंबित पडे़ हुए हैं। अब इन विद्यार्थियों के सामने छात्रवृत्ति के ऑनलाइन फार्म जमा करने का वक्त भी बीत चुका है। तहसील प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विद्यार्थियों ने नाराजगी जताई है।

'मशीन खराब है। इसके लिए लिखा जा चुका है। संभवत: एक या दो दिनों में ही डिजीटल हस्ताक्षरों को दोबारा प्रमाणित कर वैधता तिथि जारी कर दी जाएगी।'

गजराज प्रसाद यादव, नायब तहसीलदार, मैनपुरी।


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