अब दम तोड़ने लगा स्वच्छता अभियान
मैनपुरी : यहां हर किसी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास तो है, लेकिन वो अपनी आदत और रहन-सहन को बदलना नहीं
मैनपुरी : यहां हर किसी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास तो है, लेकिन वो अपनी आदत और रहन-सहन को बदलना नहीं चाहते। दीपावली की रात जो नगर रोशनी से सराबोर नजर आ रहा था, अल सुबह उसकी तस्वीर गंदी और बदबूदार थी। कहीं कूडे़ के ढेर लगे थे तो कहीं खाक हो चुकी आतिशबाजी की राख और मलबा व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा था।
दृश्य एक: कचहरी रोड
सदर तहसील के थोड़ा आगे चलते ही कूडे़ का ढेर लगा दिखाई देता है। यह ढेर अक्सर इस रास्ते को गंदा करता है। दरअसल, कचरा कहीं बाहर का नहीं है। आसपास कई गैराज और सर्विस सेंटर हैं। वाहनों की मरम्मत के बाद जो भी मलबा निकलता है, उसे बजाय कूडे़दान में फेंकने के दुकानदार सड़क पर ही फेंक देते हैं। शुक्रवार को दिन भर मलबा सड़क किनारे ही पड़ा रहा।
दृश्य दो: जिला जेल रोड
जिला जेल के आसपास तो गंदगी सबसे ज्यादा रहती है। यहां कभी भी सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचते। जो जाते भी हैं तो सिर्फ सड़क साफ करके वापस लौट आते हैं। अधिकारी भी कोई खास रूचि नहीं रखते हैं। गंदगी देखकर व्यवस्था पर तंज तो कसते हैं लेकिन खुद सफाई कराने की पहल नहीं करते। कारागार में निरूद्ध बंदियों से मिलने आने वाले परिजन इसी कचरे के ढेर के आसपास बैठने को मजबूर रहते हैं। यहां तो नगर पालिका परिषद द्वारा कूडे़दान की व्यवस्था भी नहीं कराई गई है।
दृश्य तीन: पंजाबी कॉलोनी
यह गली तो गंदगी के नाम से ही बदनाम है। तमाम शिकायतों के बावजूद यहां बीच सड़क पर कचरा फेंका जाना बंद नहीं हो सका है। शुक्रवार की सुबह सड़क पर गंदगी का ढेर लगा था। जानवर इधर-उधर गंदगी न फैलाएं, इसलिए कचरे में आग लगा दी गई थी। दरअसल इस रास्ते को मुहल्ले के लोग ही गंदा करते हैं। अपने घरों से निकली गंदगी को लोग छतों पर से ही बीच सड़क पर फेंक देते हैं।
दृश्य चार: स्टेशन रोड
गुरूवार की रात दीपावली पर आतिशबाजी से आसमान तो रंगीन हो गया लेकिन शुक्रवार की सुबह सड़कें गंदी रहीं। नगर की लगभग सभी सड़कों पर आतिशबाजी का मलबा बिखरा पड़ा रहा। पड़वा पर अवकाश के चलते नगर में सफाई कर्मचारी भी नहीं पहुंचे। स्थानीय लोगों ने भी अपने घरों के सामने पड़ी आतिशबाजी की राख की सफाई नहीं की।