देशहित होगी जिनकी भरी जवानी
मैनपुरी: होली पब्लिक स्कूल में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने देर रात तक कविताओं और मुक्तकों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कवि लाखन सिंह भदौरिया ने पढ़ा- धिक्कार मनुज का जीना है, पेट पूर्ति हेतु जीता है, इंसान नहीं पशु से बदतर जो रक्त मनुज का पीता है। कवि श्रीचंद्र वर्मा ने पढ़ा-आओ हम सब याद करें शहीदों की गुमनामी, देश हित होगी जिनकी अपनी भरी जवानी। कवि धर्मेंद्र सिंह धर्म ने पाक पर हमला करते हुए कहा-पैर मारने की सरहद पर जुर्रत मत कर पाकिस्तान, बार-बार कश्मीर हमारा क्यों गाता है गंदर्भ गान।
डॉ. अनिल मान मिश्र ने पढ़ा-तुम सौम्य सरल कपट हीन, तुमको कविता ने काता महीन। पूरन सिंह पूरन ने पढ़ा-जीवन का यह सफर सुहाना हर पलपल का लेखा देना जैसा। कवि गिरीश यादव निराला ने पढ़ा-कभी फूलों से मत पूछो ये खुशबू क्यों लुटाते हैं, मगर इंसान से पूछो किसी के काम आते हो। कवि संजय दुबे ने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए पढ़ा-व्यर्थ चला जाए कहीं बलिदान ना स्वतंत्रता के सैनिकों का अरमान ना।
इस मौके पर जगत प्रकाश द्विवेदी, उदय वीर सिंह राठौर, सत्यसेवक मिश्रा, श्रीकृष्ण मिश्रा, बदन सिंह मस्ताना, सतीश दुबे, राजेंद्र तिवारी, मुक्तेश जैन, सतीश समर्थ, जय प्रकाश मिश्रा, शिवसिंह चौहान, डॉ. मनोज सक्सेना, हरिओम तिवारी, ओम प्रकाश वर्मा, प्रमोद भदौरिया, महेंद्र सिंह, बलराम सिंह, श्रीकृष्ण शाक्य, मुकेश शुक्ला, चंद्र प्रकाश, डॉ. राकेश रवि, रोहित पांडेय, विश्राम सिंह, चंद्रमोहन, अभय शर्मा, पीके त्रिपाठी, गोविंद मिश्रा, विनोद माहेश्वरी मौजूद थे।