Move to Jagran APP

मौसम का मिजाज बिगड़ा, किसानों की धड़कनें तेज

By Edited By: Published: Wed, 16 Apr 2014 10:08 PM (IST)Updated: Wed, 16 Apr 2014 10:08 PM (IST)

जागरण संवाददाता मैनपुरी:

loksabha election banner

मौसम का मिजाज बदलते ही किसानों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई। बुधवार को दिल्ली में हुई बारिश के बाद आसमान में छाए बादलों ने किसानों की नींद चुरा ली है। बारिश हुई तो गेहूं की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना से किसान परेशान हैं। क्योंकि वह आलू, सरसों की फसल में पहले ही भारी नुकसान उठा चुके हैं।

बता दें जनवरी, फरवरी में बारिश होने से किसानों की आलू की फसल में 40 से 50 फीसद नुकसान हुआ था। सरसों की फसल में 20 फीसद और गेहूं की फसल में 15 फीसद नुकसान होने का वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था। अब खेतों में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है। किसान कटाई और मढ़ाई का काम कर रहे हैं। ऐसे समय में अगर बारिश होती है तो कटाई मढ़ाई का काम तो बंद हो जाएगा। अधिक बारिश होने पर गेहूं की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना भी जताई जा रही है।

किसान उदयवीर सिंह का कहना है कि अगर बारिश होती है तो कटाई मढ़ाई का काम तो बंद होगा ही साथ ही गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं। जिससे बाजार में गेहूं के दाम कम मिल सकेंगे।

किसान प्रेम सिंह का कहना है कि बेमौसम बारिश गेहूं की फसल में नुकसान कर सकती है। पहले ही तेज हवा के साथ बारिश होने से गेहूं की पैदावार में 10 से 15 फीसद नुकसान हो चुका है। कृषि वैज्ञानिक रामदीन का कहना है कि किसानों को मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए सारे काम छोड़कर पहले गेहूं की फसल की कटाई और मढ़ाई का काम करना चाहिए। अगर बारिश होती है तो गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं। अधिक बारिश होने और ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसलिए किसानों को अन्य कार्य छोड़कर गेहूं की फसल की कटाई का काम प्राथमिकता से करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.