मौसम का मिजाज बिगड़ा, किसानों की धड़कनें तेज
जागरण संवाददाता मैनपुरी:
मौसम का मिजाज बदलते ही किसानों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई। बुधवार को दिल्ली में हुई बारिश के बाद आसमान में छाए बादलों ने किसानों की नींद चुरा ली है। बारिश हुई तो गेहूं की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना से किसान परेशान हैं। क्योंकि वह आलू, सरसों की फसल में पहले ही भारी नुकसान उठा चुके हैं।
बता दें जनवरी, फरवरी में बारिश होने से किसानों की आलू की फसल में 40 से 50 फीसद नुकसान हुआ था। सरसों की फसल में 20 फीसद और गेहूं की फसल में 15 फीसद नुकसान होने का वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था। अब खेतों में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो चुकी है। किसान कटाई और मढ़ाई का काम कर रहे हैं। ऐसे समय में अगर बारिश होती है तो कटाई मढ़ाई का काम तो बंद हो जाएगा। अधिक बारिश होने पर गेहूं की फसल में भारी नुकसान होने की संभावना भी जताई जा रही है।
किसान उदयवीर सिंह का कहना है कि अगर बारिश होती है तो कटाई मढ़ाई का काम तो बंद होगा ही साथ ही गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं। जिससे बाजार में गेहूं के दाम कम मिल सकेंगे।
किसान प्रेम सिंह का कहना है कि बेमौसम बारिश गेहूं की फसल में नुकसान कर सकती है। पहले ही तेज हवा के साथ बारिश होने से गेहूं की पैदावार में 10 से 15 फीसद नुकसान हो चुका है। कृषि वैज्ञानिक रामदीन का कहना है कि किसानों को मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए सारे काम छोड़कर पहले गेहूं की फसल की कटाई और मढ़ाई का काम करना चाहिए। अगर बारिश होती है तो गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं। अधिक बारिश होने और ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसलिए किसानों को अन्य कार्य छोड़कर गेहूं की फसल की कटाई का काम प्राथमिकता से करना चाहिए।