समग्र गांवों के चयन में माननीय का दखल बढ़ा
मैनपुरी : अब माननीय की कृपा पर गांवों का समग्र विकास होगा। शासन ने डॉ. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के लिए गांवों के चयन में जनप्रतिनिधियों का दखल बढ़ा दिया है। क्षेत्रीय विधायक भी गांव के चयन में अपनी सलाह दे सकेंगे।
प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद शुरू हुई डॉ. राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में सरकार द्वारा पांच वर्ष का लक्ष्य तय किया गया था। इन गांवों को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों से गांव में हुए विकास कार्यो की मार्किग कराई गई थी। मसलन, संपर्क मार्ग बना है तो एक नंबर। गांव की गलियों में सीसी और जलनिकासी के लिए नालियां बनी हैं, तो दो नंबर। गांव का विद्युतीकरण कराया गया है तो तीन नंबर दिए गए। गांव में कोई काम नहीं कराया गया तो शून्य नंबर देने की व्यवस्था की गई थी।
विभागों द्वारा आरोही क्रम के आधार पर पांच वर्ष में 114 गांव को संतृप्त करने की सूची तैयार की गई थी। इसमें सबसे ऊपर शून्य विकास वाले गांव रखे गए थे। यह सूची शासन में पहुंची। लेकिन यह क्षेत्रीय विधायकों की मंशा के अनुरूप नहीं थी। विधायकों ने अपनी बात शासन स्तर पर रखी, तो शासन ने विकास को प्राथमिकता देते हुए योजना के चयन के मानकों में फेरबदल किया है।
जनपद की सभी 503 ग्राम पंचायतों में मार्किंग के बाद तैयार की ई 114 ग्राम पंचायतों की सूची को अब तीन गुना कर उनकी संख्या बढ़ाकर 342 कर दी गई है। उसी सूची को वित्तीय वर्ष के अंत में शासन को भेजा जाएगा। इसमें से जिले के प्रभारी मंत्री और क्षेत्रीय विधायक वर्ष के लक्ष्य के अनुसार गांव चयनित करेंगे।
क्या कहते हैं सीडीओ
मुख्य विकास अधिकारी अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि 342 गांवों की सूची शासन को भेजी जाएगी। वहां वर्षवार लक्ष्य के मुताबिक, प्रभारी मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि गांवों का चयन करेंगे।
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