स्कूल के सामने चलती शराब की पाठशाला
महोबा, जागरण संवाददाता: वर्षो से बदहाली के दंश से जूझ रहे सांसद के द्वारा विकास कराने के लिए चयनित क
महोबा, जागरण संवाददाता: वर्षो से बदहाली के दंश से जूझ रहे सांसद के द्वारा विकास कराने के लिए चयनित किए गए गांव पिपरामाफ के लोग जहां विकास को तरस रहे हैं वही दूसरी ओर अपने नौनिहालों की शिक्षा को लेकर भी परेशान है। ऐसा नहीं ही कि पिपरामाफ में विद्यालय नहीं है लेकिन प्राथमिक विद्यालय के ठीक सामने स्थिति अंग्रेजी शराब की दुकान पूरे गांव के लोगों के लिए वर्षो से परेशानी का सबब बनी हुई है। सुबह होते ही शराब की दुकान खुल जाती है और शराबियों की धमाचौकड़ी से विद्यालय का माहौल भी खराब होता है।
जिला आबकारी अधिकारी कहते हैं कि जांच कराकर उसको कहीं और शिफ्ट करा दिया जाएगा। सांसद के द्वारा विकास के लिए चयनित किए गए गांव पिपरामाफ में जैसे ही महोबा - नौगांव मुख्य मार्ग से अंदर की तरफ बढ़ते हैं वैसे ही सामने की इमारत प्राथमिक विद्यालय की मिलती है,पर ज्यों ही नजर दूसरी तरफ घूमती है शराब ठेका का बोर्ड नजर आता है। लोगों ने शराब ठेके को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की मांग की है।
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ग्रामीण बोले
जब गांव में अंग्रेजी शराब का ठेका खोला गया था। तभी उसका काफी विरोध किया गया था, पर मामला जांच से आगे आज तक नहीं बढ़ सका।
आशीष तिवारी, ग्रामीण
स्कूल के सामने शराब ठेका होने के कारण शराबी अक्सर कमरों में घुस जाते हैं और शराब का सेवन करते हैं। सुबह कई बार स्कूल में बच्चों के सामने जब शराब की बोतलें हटती हैं तो उनके कोमल मन में गलत असर पड़ता है।
भास्कर नारायण गंगेले, ग्रामीण
जैसे ही गांव में घुसते हैं। दो चीजें दिखाई देती हैं, एक प्राथमिक स्कूल तो दूसरी शराब की दुकान का बोर्ड। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव में आने के अंदर हमारे गांव की छवि कैसी जा रही होगी। बचपन तो बर्बाद हो ही रहा है।
भागवत सिंह, ग्रामीण
क्या करें और कहां जाएं। प्रशासन और शराब माफियाओं की जुगलबंदी के कारण हमारे द्वारा की गई सभी शिकायतें बेकार हो गई। ऐसा कोई भी अधिकारी नही जिससे शिकायतें दर्ज न कराई गई हों । कई तहसील दिवसों व अधिकारियों के पास जाकर समस्या को रखा गया, पर हर बार जांच के बाद इसे दूर कर दिया जाएगा का आश्वासन पाकर चले आते थे।
भावेश गंगेले, ग्रामीण
अधिकारी बोले
ग्रामीण क्षेत्र में शराब की दुकान की मंदिर और स्कूल से दूरी 100 मीटर की होनी चाहिए। इसकी जांच कराई जाएगी और अगर वह स्कूल के सामने है तो उसे स्थानांतरित करवा दिया जाएगा।
अश्रि्वनी कुमार, जिला आबकारी अधिकारी