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महराजगंज में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा समोसा

महाराजगंज के सिसवा के रितेश सोनी और उनके 12 साथी साढ़े तीन क्विंटल का समोसा बनाएंगे। 11 जुलाई को वह छह से सात घंटे में समोसा तैयार कर विश्व रिकार्ड बनाएंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2016 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jul 2016 08:17 PM (IST)

महराजगंज (विश्वदीपक त्रिपाठी) समोसा तो सबने खाया होगा, लेकिन ऐसा शायद ही कोई हो जिसने साढ़े तीन क्विंटल का समोसा देखा हो। जी हां, इस दुर्लभ एवं अस्वाभाविक समोसे का निर्माण अब होने जा रहा है। दुनिया के इस सबसे बड़े समोसा को तैयार करने का बीड़ा उठाया है सिसवा कस्बे के युवा रितेश सोनी और उनके 12 साथियों ने। 11 जुलाई को सुबह दस बजे से वे छह से सात घंटे में समोसा तैयार कर विश्व रिकार्ड अपने नाम दर्ज कराएंगे। अभी तक यह रिकार्ड इंग्लैंड के ब्राडफोर्ड कालेज के छात्रों के नाम है, जिन्होंने 110.8 किग्रा का समोसा बनाया था।

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विश्व रिकार्ड बनाने को बेताब रितेश और उनके साथी बेहद साधारण परिवारों के हैं। वे पढ़ाई के साथ चाट-समोसा की दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। सीमित संसाधन के बावजूद चुनौतियां स्वीकार करते हैं। महराजगंज के ही युवाओं ने सबसे बड़ी जलेबी बनाकर गिनीज बुक आफ द वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। आपस में चंदा कर समोसा बनाने का सांचा, कड़ाही आदि सामान उन्होंने जुटा लिया है।

समोसा में लगेगा दो क्विंटल आलू

सबसे बड़ा समोसा बनाने में दो क्विंटल आलू, डेढ़ क्विंटल मैदा, साठ लीटर तेल, 25 लीटर रिफाइंड आयल, दो किग्रा मसाला लगेगा। इसके लिए रसोई गैस के दो सिलेंडर रखे गए हैं। रितेश बताते हैं कि सबसे बड़ा समोसा बनाने के पीछे उनकी मंशा महराजगंज जिले की ओर सरकार का ध्यान खींचना है, जहां लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और परिवहन जैसी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं।

ये बनाएंगे विश्व रिकार्ड

रितेश सोनी टीम लीडर, रामानंद, गोपाल, राजेश, नवीन, नवीन तिवारी, कंदन राय, भानू गुप्ता, किशन सोनी, विवेक मद्धेशिया, अभिषेक सोनी और दुर्गेश मद्धेशिया।

ब्रिटेन में बना था 110.8 किलो का समोसा

इंग्लैड के ब्राडफोर्ड कालेज के छात्रों ने किपलिंग रेस्त्रा के सहयोग से 22 जून 2012 को सबसे बड़ा समोसा बनाया था। 110.8 किग्रा का यह समोसा 135 सेमी लंबा, 85 सेमी चौड़ा, 29 सेमी ऊंचा था।

गिनीज बुक में दर्ज हो चुकी जलेबी

महराजगंज जिले के ही कटहरी गांव के मनीष प्रजापति के नेतृत्व में दस युवाओं की टीम ने 17 सितंबर 2015 को 70.500 किग्रा की जलेबी बनाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था।

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