आधार से ¨लक कर अब पीओएस से मिलेगा उर्वरक
महराजगंज: अब उर्वरक की दुकानों पर कैशलेश ट्रांजेक्शन के लिए पीओएस मशीन लगाई जाएगी। इसे किसानों के आध
महराजगंज: अब उर्वरक की दुकानों पर कैशलेश ट्रांजेक्शन के लिए पीओएस मशीन लगाई जाएगी। इसे किसानों के आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा और इसी के जरिये किसानों को उर्वरक मिलेगा। इससे जहां धांधली पर अंकुश लगेगा, वहीं किसान योजना से पूरी तरह लाभांवित भी होंगे। दरअसल अभी तक ये होता रहा कि उर्वरक आता था और बिचौलियों के माध्यम से दूसरे बाजारों में पहुंच जाता था। तमाम प्रयासों के बाद भी सरकारी मशीनरी कालाबाजारी पर अंकुश लगाने में फिसड्डी साबित होती रही। लेकिन इस योजना से किसानों को लाभ मिलेगा। क्योंकि ये आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा और उसमें किसान ने कब तथा कितना उर्वरक खरीदा, इसका पूरा लेखा-जोखा रहेगा। योजना के तहत माह जून 2017 से कोई भी उर्वरक ट्रांजेक्शन बिना पीओएस मशीन के नहीं किया जाएगा। ऐसे उर्वरक विक्रेता जिनके द्वारा अब तक फर्टिलाइजर मैनेजमेंट सिस्टम में पंजीकरण नहीं कराया गया है। उन्हें अपना शत-प्रतिशत पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। जिला कृषि अधिकारी मुजम्मिल ने जनपद के समस्त थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेता, सहकारी समितियां, पीसीएफ, गन्ना, होफेड, एग्रो, कृभको एवं इफको उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि वे अपने उर्वरक बिक्री केंद्रों पर कैशलेश ट्रांजेंक्शन के लिए पीओएस मशीन की स्थापना सुनिश्चित करने तथा इसके संचालन के लिए पांच मई से विकास खंडवार प्रशिक्षण प्राप्त कर लें। प्रशिक्षण में समस्त थोक उर्वरक विक्रेताओं को निर्धारित तिथि में उपस्थिति अनिवार्य है। प्रशिक्षण में भाग न लेने की दशा में 1 जून 2017 से उर्वरकों विक्रय करना असंभव होगा। उन्होंने ने बताया कि प्रशिक्षण में मूल उर्वरक निबंधन प्रमाण-पत्र, मूल आधार कार्ड एवं एक सिम फुल साइज जिसमें बेहतर कनेक्टीविटी इंटरनेट डाटा पैक हो लेकर आना होगा। यह सिम हमेशा मशीन में लगी रहेगी, वरना यह मशीन नहीं दी जाएगी।
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प्रशिक्षण की तिथि निर्धारित
महराजगंज: सदर विकास खंड पांच मई, मिठौरा छह, घुघली आठ, परतावल नौ, पनियरा 10, सिसवा 11, निचलौल 12, धानी 15, फरेंदा 16, बृजमनगंज 17, लक्ष्मीपुर 18, नौतनवा का प्रशिक्षण 19 को होगा। सभी प्रशिक्षण विकास खंड सदर में दोपहर 12 बजे से होगा।
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क्या है पीओएस मशीन
पीओएस मशीन को पाइंट आफ सेल मशीन कहा जाता है। यह मशीन आन लाइन सिस्टम से जुड़ी होती है। मशीन को आपरेट करने के लिए उर्वरक विक्रेताओं को लाग इन आइडी व पासवार्ड दिया जाएगा। हर दुकान का एक अलग पासवर्ड व आइडी होगी। इस मशीन को वही आपरेट कर पाएगा, जिसके पास पासवर्ड होगा। इसके जरिये ग्राहक और कारोबारी के बीच लेने देन बिना कैश के पूरा हो जाता है। मशीन में स्वैप कर कर पेमेंट की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
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उर्वरक लेने आए किसान का
अंगूठे का लिया जाएगा निशान
उर्वरक लेने आए किसान का सबसे पहले उसके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। इस निशान की स्कै¨नग मशीन अपने पास उपलब्ध डाटा से मैच करेगी। यदि अंगूठे का निशान मैच होता है तो ही मशीन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी वरना प्रक्रिया रूक जाएगी।