चाय की चुस्कियों के साथ बना रहे सरकार
महराजगंज : साइकिल रेस अखिलेश के जीतने के बाद तराई के इस जिले में मंगलवार को सियासी पारा और चढ़ गया।
महराजगंज : साइकिल रेस अखिलेश के जीतने के बाद तराई के इस जिले में मंगलवार को सियासी पारा और चढ़ गया। चाय-पान-मिष्ठान की दुकानों संग विभिन्न सरकारी कार्यालयों में बहस तेज हो गई। चाय की चुस्कियों के बीच हर जगह बहस छिड़ गई। बहस में हिस्सा लेने वाला हर व्यक्ति तर्कों के बल पर दूसरे की बात काटता और तेज आवाज में अपनी बात ऊपर रखने की कोशिश में जुट जाता।
लोहिया नगर में स्थित सत्तन की चाय की दुकान पर तीसरे पहर एक बजे विभिन्न वर्गों के लोग विधानसभा चुनाव की चर्चा करते मिले तो यह रिपोर्टर भी पहुंच गया। चाय का आर्डर देने के बाद लोगों के बीच चल रही बहस को सुनने लगा। मनोज ¨सह ने कहा कि इस बार प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन होगा और भाजपा की सरकार बनेगी। पिता-पुत्र, चाचा-भतीजा सत्ता के लिए आपस में लड़कर सपा को कमजोर करके रख दिया। समाजवाद का इतना खराब रूप इसके पहले कभी नहीं देखा गया। हर स्तर पर समाजवाद की किरकिरी हुई। यही कारण है कि आम जनमानस का झुकाव भाजपा की ओर तेजी से हुआ है, इसलिए प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी।
इतना सुनना था कि वसीउल्लाह खान खड़े हो गए और कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। क्योंकि साइकिल रेस अखिलेश ¨सह ने जीत ली है। पार्टी के 90 फीसद लोग अखिलेश के साथ हैं। अखिलेश ने अपने कार्यकाल में सभी योजनाएं जनहित में चलाई और हर वर्ग के गरीबों का उत्थान किया।
प्रधानमंत्री मोदी की नोटबंदी से सबसे अधिक आम जनता तबाह हुई। इसका असर चुनाव में सबसे अधिक भाजपा पर पड़ेगा और वह सरकार नहीं बना पाएगी। वसीउल्लाह की बात काटते हुए लाल बाबू ने कहा कि सपा की सरकार बनने का सपना देखना बंद कर दीजिए। सपा के शासनकाल में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया। कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई। जनता इस बार नेतृत्व परिवर्तन करेगी और प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी। लाल बाबू का समर्थन अरुण गुप्त ने किया और कहा कि इस बार प्रदेश में बसपा की ही सरकार बनेगी। इस पर श्याम सुंदर ने कहा कि सरकार तो भाजपा की ही बनेगी क्योंकि किसी अन्य दल के पास योग्य नेता ही नहीं हैं।
जनता प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बनाएगी, क्योंकि जब तक केंद्र व प्रदेश में एक दल की सरकार नहीं होगी तब तक त्वरित विकास नहीं होगा। इसका समर्थन मानवेंद्र ने भी किया। इस पर विनय कुमार व सुभाष एक साथ बोल पड़े पहले हर पार्टी के प्रत्याशी का चयन हो जाने दीजिए। चुनावी मुद्दा सामने आने दीजिए। चीख-चीख कर अपनी बात रखने से सरकार नहीं बनेगी। इस समय कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इस पर बहस में हिस्सा लेने वालों ने कहा कि बात तो आप दोनों ने पते वाली कही है। इसी के साथ बहस खत्म हो गई और लोग चल दिए।