नेपाल व बिहार को हो रही बेंतों की तस्करी
महराजगंज : सुरक्षा एजेंसियों व जनपद पुलिस तस्करी पर अंकुश लगाने का जितना भी दावा कर ले, मगर तस्करो
महराजगंज : सुरक्षा एजेंसियों व जनपद पुलिस तस्करी पर अंकुश लगाने का जितना भी दावा कर ले, मगर तस्करों के नेटवर्क के आगे उनके सारे दावे फेल हो गए हैं। तस्करी के नये नये तरीके इजाद कर तस्कर आसानी से अपने काम को अंजाम देने में जुटे हैं। पगडंडियों व अन्य रास्तों को छोड़ तस्कर अपने कारोबार को विस्तार देते हुए नदी के रास्ते नाव द्वारा बेंत, खैरा व कीमती लकड़ियों को नेपाल व बिहार भेज रहे हैं। निचलौल रेंज के गंडक व कलनही बीटों में बेंतों की कटान इन दिनों काफी तेजी से हो रही है। पहले से कुछ दूरी पर मौजूद उसके साथी उन्हें नाव के सहारे धीरे धीरे कर किनारे पर ला उन्हें सुरक्षित स्थान पहुंचा देते हैं। जानकारों की माने तो तस्कर पहले बेंतों में आग लगा दे रहे हैं। जिससे बेंत के कांटे व उसकी पत्तियां जल जाने से कटान में सुविधा हो जाती है। आग लगाने के 20 से 25 दिन बाद मौका देकर तस्कर इसे अपने मजदूरों से आसानी से कटवा उसे अन्यत्र भेज देते हैं। क्षेत्रीय वनाधिकारी निचलौल अशोक चन्द्रा का कहना है कि बेंत एवं लकड़ी कटान की सूचना है, गश्त बढ़ाकर प्रभावी कार्रवाई करते हुए कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा है।