अब लखनऊ में गरजेंगे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
महराजगंज : लगातार धरना देने के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों पर सरकार ने गंभीरता से विचार
महराजगंज : लगातार धरना देने के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों पर सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया। सूबे की सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पूरे प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक माह से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूट रही। मंगलवार से लखनऊ में आरंभ होने वाला धरना प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा। जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर लेती आंदोलन चलता रहेगा। उक्त बातें आंगनबाड़ी संघ के जिला संरक्षक राधेश्याम मौर्या ने सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। जिलाध्यक्ष अमिरून निशा ने कहा कि बयालीस वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर सरकार की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। लेकिन सबने सिर्फ आश्वासन की घुट़्टी पिलाई। इस मौके पर संजू गौतम, छाया भारती, उमा चौरसिया, माधवी वर्मा, माधुरी, सरोज जायसवाल, ज्ञानमती, संगीता ¨सह, परवेज आलम, सत्येंद्र, दयानंद, दौपदी, सुरेश, मंजू, पूनम, हेमंत पटेल, विरेंद्र चौरसिया सहित तमात कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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यह हैं मांगें-
- राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
- 18 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाए।
- सेवानिवृत्त होने पर दो लाख रुपये भत्ता दिया जाए।
- प्राथमिक विद्यालयों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सीधी भर्ती करायी जाए।
- राज्य कर्मचारियों की तरह चिकित्सा सुविधाएं दी जाए।
- मृत्यु होने पर आश्रितों को नौकरी दी जाए।
- हौसला पोषण योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की एकल खाता संचालित करवाया जाए।
- पल्स पोलियो, बीएलओ एवं अन्य सरकारी कार्यक्रमों में पारिश्रमिक दिए जाए।