मौसम के साथ ठंडी हो गई फरेंदा की चुनावी सरगर्मी
महराजगंज: सोमवार को मौसम के बदले मिजाज के साथ ही सियासी सरगर्मी भी ठंडी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट का
महराजगंज:
सोमवार को मौसम के बदले मिजाज के साथ ही सियासी सरगर्मी भी ठंडी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही चुनाव प्रचार में जुटे नेताओं के फोन घनघनाने लगे। कोर्ट का फैसला सुन कई दिनों से चुनावी रणभूमि में डटे कुछ नेताओं के चेहरे खिल उठे। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से प्रचार करने आए नेता स्थानीय नेताओं से सलाम बंदगी कर निकल लिए। अपरान्ह तीन बजे ही फरेंदा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव स्थगित होने की सूचना तैरने लगी। अपने सूत्रों के माध्यम से लोग सही स्थिति जानने के लिए फोन घनघनाने लगे। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की जानकारी मिली प्रचार के लिए अधिकांश आयातित नेता सभा स्थल से ही निकल लिए।
बताते चलें कि उपचुनाव की तिथि नजदीक आने पर अधिकांश प्रमुख पार्टियों ने अपनी ताकत झोक दी थी। प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी, भाजपा व कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता पिछले दो दिनों से फरेंदा में डेरा जमाए हुए थे। यहां तक कि प्रदेश के कुछ मंत्रियों की सभा भी आयोजित थी, लेकिन न्यायालय का फैसला आते ही परवान चढ़ी सियासी सरगर्मी अचानक थम गई। विभिन्न पार्टियों के चुनाव कार्यालय भी सूने पड़ गये। कार्यकर्ता से लेकर स्थानीय जनता चुनाव की तिथि को लेकर अपने तई कयास लगाने लगी। लाउडस्पीकर के शोर भी अचानक थम से गए। कुछ लोग निर्धारित तिथि पर चुनाव होने का अनुमान लगा रहे हैं तो अधिकांश का कहना है कि चुनाव की तिथि अब आगे बढ़ने के सिवाय अब कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रशासनिक हल्के में भी चुनाव टलने को लेकर दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।