पैदा हुए राम गूंजा जयगान
महराजगंज : सदर तहसील के ग्राम सभा बड़हरा रानी स्थित रतनपुर कुटी पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन
महराजगंज : सदर तहसील के ग्राम सभा बड़हरा रानी स्थित रतनपुर कुटी पर आयोजित शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन राम जन्म का सजीव मंचन देख दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।
मंचन का शुभारंभ अयोध्या में सजे दरबार से होता है। चिंता में डूबे दशरथ को देख दरबारियों ने गम का कारण पूछा तो दशरथ ने उम्र के चौथेपन में पुत्र न होने की बात कही। इसे सुन दरबारी भी गम में डूब गए। कुछ देर बाद दरबारियों के कहने पर दशरथ गुरु वशिष्ठ के पास गए। वशिष्ठ की राय पर दशरथ श्रृंगी ऋषि से मिले और पीड़ा बतायी। ऋषि के निर्देश पर महाराज दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया। यज्ञ के फलस्वरूप कुछ माह बाद दरशरथ को चार पुत्र प्राप्त हुए।
पुत्र जन्म से अयोध्यावासी हर्षित हो उठे। मंच पर सोहर गीत होने लगा-दशरथ के जन्मे ललनवा..। इस गीत पर कई दर्शक इतने आनंदित हुए कि नृत्य करने लगे। राम जन्म का सजीव मंचन देख दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।
बच्चों के नामकरण संस्कार का कलाकारों ने सजीव मंचन किया। विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा व ताड़का वध देख दर्शक रोमांचित हो उठे।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान रामानंद शर्मा, यज्ञ के आयोजक अध्यक्ष युगल किशोर सिंह, उपाध्यक्ष रविन्द्र सिंह, विश्वजीत कुमार, अरविंद निषाद, चंद्रिका, राजेन्द्र मौर्य, संजय विश्वकर्मा, राम केवल चौहान, भोलू सिंह, राकेश, छोटेलाल आदि उपस्थित रहे।
राम के आदर्शो को अपनाएं
सदर तहसील अंतर्गत बरवा विद्यापति के काली मंदिर परिसर में आयोजित कथा में रविवार को आचार्य कपिल मुनि पांडेय ने श्रीराम के आदर्शो का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान राम के आदर्श अपनाने से नया आयाम मिलता है।
उन्होंने कहा कि राम कथा के श्रवण मात्र से मानव का शरीर देवमय हो जाता है। व्यक्ति को समाज में अधिक उपयोगिता के लिए श्रीराम कथा उचित दिशा निर्देश देती है। भगवान राम के स्मरण मात्र से सभी दुख दूर हो जाते हैं। सभी को राम की तरह आदर्शवान बनना चाहिए। वे अच्छे राजा, संस्कारी पुत्र थे।
इस अवसर पर चंद्रभान पांडेय, कृष्ण गोपाल, राम लखन पटेल, अयोध्या पटेल, मंगल पटेल, राजीव रौनियार, अभिषेक पांडेय, शुभम, कन्हैया पटेल, अंनीश, विशाल, ओम प्रकाश, प्रवीण, नवीन, अचल पांडेय, अंगद पटेल आदि उपस्थित थे।