परमात्मा की कृपा से ही होते संत के दर्शन
कुशीनगर : सत्संग श्रवण मात्र से मन का शुद्धिकरण हो जाता है और शांति तथा मुक्ति मिलती है। इससे जन्म ज
कुशीनगर : सत्संग श्रवण मात्र से मन का शुद्धिकरण हो जाता है और शांति तथा मुक्ति मिलती है। इससे जन्म जन्मान्तर का विकार भी नष्ट हो जाता व मानव का लौकिक व अध्यात्मिक विकास शुरू हो जाता है।
यह बातें विकास खंड मोतीचक के ग्राम लक्ष्मीपुर धूस में बाबा रतन लाल ने कही। वह बुधवार को बाबा जयगुरूदेव के भक्तों द्वारा आयोजित दो दिवसीय सत्संग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिना परमात्मा की कृपा के संत के दर्शन नहीं होते तथा बिना संत के ज्ञान नहीं मिलता। धर्म, लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास व जप-तप का प्राचीन इतिहास है। किंतु कलियुग में सच्चे मन से सत्संग सुनने व परमात्मा के नाम के उच्चारण करने मात्र से ही व्यक्ति भव-सागर से पार हो जाता है।
सत्संग की शुरुआत प्रभु के प्रार्थना से हुई। सत्संग में गोरखपुर, बस्ती, बनारस आदि मंडल तथा विहार व पड़ोसी देश नेपाल से भी भक्त शामिल होने आए हैं।
इस अवसर पर व्यवस्थापक रामाश्रय केसरवानी, बाबू राम चौधरी, दशरथ सिंह, आद्या सिंह, बंगाली यादव, लक्ष्मी नरायण शर्मा, लाल विहारी सिंह, शिवनाथ सिंह, अवनीश सिंह, ग्राम प्रधान मुक्तेश्वर नाथ प्रजापति सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।