नौनिहालों का स्कूल से नहीं जुड़ सका नाता
महराजगंज:
घुघली क्षेत्र में सर्वशिक्षा अभियान की असलियत बताने के लिए यह तस्वीर ही काफी है। एक तरफ जहां सरकार विभिन्न विद्यालयों की स्थापना कर सबको शिक्षित करना चाहती है,वहीं बहुत से कम उम्र के बच्चे अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में मजदूरी करने के लिए विवश हैं। इनमें से अधिकतर बच्चे बकरी, घोड़ा, गाय, भैस,सूअर, ईट-भटठा,चाय,होटल,फलों के छोटे दुकान पर ही कार्य करते मिल जाते हैं। जबकि शासनादेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि़ 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से शारीरिक श्रम कराना कानून दंडनीय अपराध है।
सर्वशिक्षा अभियान में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। इसके बावजूद गरीब बच्चे पेट की आग शान्त करने के लिए मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। बताते चलें कि इस वर्ष 15 वर्ष का इसहाद और छोटा भाई इजहार 12 वर्षीय दोनों भाई सुबह से लेकर शाम तक बसंतपुर जंगल में घोड़े चराते हैं। तब इन मासूम ने आपबीती बताई। इनके लिए सर्व शिक्षा अभियान बेमानी साबित हो हो रहा है। साथ ही सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान विभिन्न बाल कल्याणकारी योजनाएं भी धराशायी हो रहा है।