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मायका छूटा, ससुराल टूटा, मंजिल जाने कहां..

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 11:09 PM (IST)
मायका छूटा, ससुराल टूटा, मंजिल जाने कहां..

जागरण संवाददाता, महराजगंज:

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उसने अपनी ही गृहस्थी में खुद आग लगाई। पति हत्या का आरोपी हो गया। मायके वाले ही अपनी ही बेटी से छले गये। यह सब कुछ हुआ उस रिश्ते के नाम पर जो प्रेम तो कतई नहीं था। अब सारी बातें सामने आ गई और उसकी जिंदगी पुलिस और कानून के हवाले हो गई। जग हंसाई के बीच उसकी मंजिल का पता अब आने वाला कल बताएगा।

पकड़ियार विशुनपुर गांव के मोती के घर वह बहू बनकर आई तो सपने कई आंखों में तैरे, लेकिन बीते वर्ष के शुभारंभ में समय ने जाने कैसा करवट ले लिया। ससुर मोती व पति रोहित सहित कई लोग बहू की हत्या के मुल्जिम बने गये। ससुराल वालों के समझ में ये बात भले ही नहीं आ रही थी। न्यायालय के आदेश पर घुघली पुलिस ने उन्हें दहेज के लालच में हत्या कर लाश गायब करने का आरोपी बना दिया। इस दौरान ससुरालियों का जमीन गिरवी हो गई और गृहस्थी चौपट। अभी जाने और क्या होता कि पुलिस ने उस युवती को बरामद कर लिया जिसकी हत्या की कहानी रची गई थी। पता यह चला कि युवती अपने पुराने प्रेमी गुलरिहा निवासी गामा के साथ घर से भागी थी। अब सच सामने है लेकिन उसका प्रभाव युवती के जीवन की कुरूप बनाने वाला है। मामले में पुलिस अधीक्षक शरद सचान ने झूठा मुकदमा कायम कराने वाले नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के ग्राम सभा नौगांवा निवासी युवती के पिता लालजी सिंह के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की बात कही है। उधर मायके वाले भी पूरे प्रकरण में अब सुन्न पडे़ हैं। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने युवती का बयान कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके बाद युवती का भविष्य तय होगा। लेकिन इतना तो स्पष्ट हो चुका है। उसके अपने कृत्य से मायके और ससुराल वाले जगहंसाई के पात्र हो गये हैं और प्रेमी कानून के नजरों में गुनहगार।

पत्‍‌नी की बेवफाई के चलते हत्या का आरोपी बना पति रोहित बुरी तरह से टूट गया है। उसका कहना है कि भविष्य के हालात चाहे जैसे भी हो उसे अब युवती से कोई रिश्ता नहीं रखना है। रोहित कहता है कि उसे पत्‍‌नी की चर्चा सुनने में भी शर्म आती है।

गिरफ्तार होने के बाद घुघली थाने पर लाई गई युवती को शायद अपनी भूल का एहसास हो चुका था। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे और कई लोग उससे सवाल भी लेकिन आवाज की जगह युवती के आंखों में सिर्फ आंसू थे। जाने वे पश्चाताप के आंसू थे या डरावने भविष्य को सोचकर बेसहारा होने की आशंका में निकलते आंसू।


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