जुलूसों के बहाने दिखाया दम
जागरण संवाददाता, महराजगंज : प्रत्याशियों ने नामांकन जुलूसों के बहाने मंगलवार को दम दिखाया। बैंड बाजों व नारों से दिन भर शहर गूंजता रहा और चिलचिलाती धूप में जाम में फंसे नागरिक तड़पते रहे। यातायात व्यवस्था ध्वस्त रही। आचार संहिता की धज्जियां उड़ती रहीं और पालन कराने वाले जिम्मेदार खामोश रहे।
अधिसूचना जारी होने के बाद आज पर्चा भरने वालों ने ताकत दिखायी। काफिले में चल रहे अनगिनत वाहनों व जोशीले नारे लगाती भीड़ ने शहर वालों को परेशानी में डाल दिया। प्रमुख मार्ग जाम होने पर गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी में लोगों ने गलियों का सहारा लिया। प्रतिफल दस मिनट के भीतर गलियां भी जाम हो गयीं। चिलचिलाती धूप में जाम में फंसे लोग अकुला उठे। यह जाम तीसरे पहर तब खत्म हुआ जब नामांकन जुलूस में शामिल लोग शहर से बाहर निकले।
इन बड़े जुलूसों ने अहसास कराया कि आचार संहिता का पालन कराना प्रशासन के लिए कड़ी चुनौती है। क्योंकि यह पहला मौका रहा जब प्रशासन आचार संहिता का पालन कराने में सफल नहीं हो पाया। अधिसूचना जारी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने काफिले में दस से अधिक वाहन चलने पर कार्रवाई की बात कही थी लेकिन काफिले में शामिल अनगिनत वाहन व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे थे। शहर का पूरा ट्रैफिक सिस्टम दिन भर ध्वस्त रहा और इसे सुधारने में लगाई गयी यातायात पुलिस तैनाती स्थल पर मूकदर्शक बनी रही।
नामांकन जुलूसों के कारण निचलौल रोड, गोरखपुर रोड व फरेंदा रोड पर जाम के झाम में फंसे लोग प्यास से बेहाल रहे। महज दो घंटे में ही खीरा, तरबूज, अंगूर साफ हो गए तो लोग शीतल पेय पर टूट पड़े। यह भी भीड़ की मांग के आगे कम पड़ गया। दुकानों पर चाय के लिए दूध घट गया वहीं समोसा, पकौड़ी के भी लाले पड़ गए।
यह जरूर रहा कि चुनावी चर्चाओं की बयार तेज हो गयी। देर रात तक शहरी किस प्रत्याशी के साथ ज्यादा भीड़ रही को लेकर बहस करते रहे। इसको लेकर कई स्थानों पर तीखी बहस भी हुई। फिलहाल जुलूसों के कारण शहर के चौराहे शाम तक गुलजार रहे।