देश क भविष्य त जवानन के बनावे के बा
महराजगंज:
लोकसभा चुनाव में मतदान की तिथि जैसे-जैसे करीब आती जाती रही है, वैसे-वैसे चुनाव की सरगर्मी और बढ़ती जा रही है। कस्बे की चाय की दुकान हो या ग्रामीण चाय की गुमटी, हर तरफ चुनाव का रंग सभी पर चढ़ने लगा है। चाय की चुस्की के साथ वे देश की कुर्सी पर कौन बैठेगा को लेकर अपनी-अपनी बातों को तार्किक ढंग से रखते है।
ऐसी ही एक चुनावी चर्चा का नजारा शनिवार सुबह दस बजे कैथवलिया उर्फ बरगदही के एक चाय की गुमटी में देखने को मिला। यहां गांव के प्रधान के बेटे दीपक कुमार गांव की ही करीब अस्सी वर्षीय मनराजी से चुनाव की चर्चा कर ही रहे थे कि सुर्ती ठोंकते त्रिभुवन भी वहां आ गये। चर्चा शुरू ही हुई थी कि वहां से गुजर रहे महेंद्र व राजाराम भी दुकान पर आ गये। दुकान मालकिन माल्ती से चाय मांगी और फिर चाय की चुस्कियों के साथ शुरू हुई चुनावी चर्चा।
दीपक ने मनराजी देवी से पूछा कि काकी वोटवा केके देबू? इस पर मनराजी ने यही जबाब दिया कि का बताई बेटा हमते पुरनिया हो गइली देश क भविष्य त जवानन के बनावेके बा. तू आपन बतावा केके वोट देबा ? इसी बीच महेंद्र और राजाराम ने आकर चुनावी चर्चा की महफिल को गरमा दिया।
महेंद्र ने कहा कि कोई पार्टी कमजोर नहीं है उसके वोटर बोलते कम हैं, जैसा कि पिछले लोक सभा चुनाव में हुआ था। राजाराम ने उसकी बात बीच से ही काटते हुए कहा कि पार्टी वाले बहुत मेहनत करत बा ओके कमजोर न बूझा । इसी बीच दूध गरम करते हुए मालती ने दूर से ही कहा कि सब जनी हथिया के न भुला, उहो गांवै-गांव दौडतिया। इस पर सभी ठहाके मार कर हंसने लगे। हंसी शांत हुई तो काकी ने गंभीर होते हुए कहा कि देखा यह बार वोट ठोकबजा के वही के दिहा जे सुखे दुखे कामें आवै अउर गांव में विकास करे। काकी मनराजी की इस बात पर लोगों ने हामी भरी और सोच-विचार कर वोट करने की बात कहते हुए चर्चा समाप्त की। लोग उठने लगे इस पर मालती ने पूछा चाहवा क पैसिवा के देई इस पर वहां मौजूद लोग फिर एक बार हंसे और दीपक ने कहा काकी कै पैसा हम देब, बाकी सब आपन-आपन आपन देइ। सभी ने चाय का पैसा दिया और अपने घर की ओर चलते बने।