जमीन की तलाश में भटका 'माडल स्कूल'
महराजगंज: शैक्षिक दृष्टि से पिछडे़ विकास खंडों में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर माडल स्कूल स्थापित करने की योजना फिलहाल पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर सका। सात गांव में यह योजना जमीन की तलाश में जहां भटक रही है, वहीं चार गांवों में स्वीकृति के इंतजार में बाट जो रही है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले में तेरह माडल स्कूल बनाए जाने हैं। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक द्वारा 22 अक्टूबर 2012 को जिलाधिकारी को पत्र भेज कर नवीन माडल स्कूलों के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। काफी मशक्कत के बाद शिक्षा विभाग ने महज छह विद्यालयों के लिए जमीन उपलब्ध करा सका। लेकिन सिर्फ दो को छोड़ अन्य पर कार्य शुरू नहीं कराया जा सका।
बृजमनगंज, धानी, घुघली, लक्ष्मीपुर, महराजगंज, मिठौरा, निचलौल, नौतनवां, पनियरा, परतावल, फरेंदा, सिसवा व निचलौल में माडल स्कूल बनाए जाने थे। प्रत्येक माडल स्कूल कम से कम 3.5 एकड़ भूमि में बनेगा। जिसकी लागत तीन करोड़ दो लाख रूपए होगी। माडल स्कूल की दूरी विकास खंड से अधिकतम आठ किमी पर होगी।
जिले के चार विकास खंडों में माडल स्कूल के लिए जिला प्रशासन ने भूमि उपलब्ध करा दी है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के बाद भी अभी तक इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी। लिहाजा निर्माण कार्य अधर में लटका है।
माडल स्कूल के लिए विकास खंड नौतनवां, निचलौल की बंजर भूमि, सदर में मुख्यालय पर, व धानी में भूमि मिलने के बाद भी निर्माण को हरी झंडी नहंी मिली है। जबकि पनियरा व बृजमनगंज में विद्यालय निर्माण कार्य लगभग साठ फीसद पूरा करा लिया गया है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर