अंधविश्वास में युवती ने खुद को जिंदा फूंका मौत, पति भी झुलसा
आज सुबह सोनभद्र जिले के कोतवाली क्षेत्र के झारोखुर्द गांव में एक तीस वर्षीय युवती ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेलकर अग्नि स्नान कर सनसनी फ़ैला दी।
लखनऊ। तमाम जनजागरुकता के बावजूद लोग अंधविश्वास के मकडज़ाल से निकल नहीं पा रहे हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण आज सुबह सोनभद्र जिले के कोतवाली क्षेत्र के झारोखुर्द गांव में देखने को मिला। जहां एक तीस वर्षीय युवती ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेलकर अग्नि स्नान कर सनसनी फ़ैला दी। आग लगाने के बाद वह चीख-चीखकर इसे ब्रह्मबाबा का निर्देश बता रही थी। करीब 95 फीसद जली महिला की जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई।
कोतवाली क्षेत्र के झारोखुर्द गांव निवासिनी चंपा देवी (30) पत्नी नंदलाल गोस्वामी पिछले कई माह से मानसिक रूप से परेशान रहती थी। परिजन इसे शैतानी हरकत मान उसका कथित ओझा-सोखा के जरिए झाड़-फूंक करा रहे थे। इस दौरान सुबह करीब साढ़े आठ बजे अचानक वह अजीबोगरीब हरकत करते हुए कमरे में रखी ढिबरी का तेल छिड़कर आग लगा ली। कमरे के बाहर मौजूद पति हरकत देख तत्काल उसे पकड़कर बाहर ले आया। इस दौरान पति नंदलाल भी झुलस गया। हाथ जलने के कारण नंदलाल की पकड़ ढीली पड़ी तो महिला ने पास में रखे मिट्टी तेल से भरे गैलन को अपने जलते शरीर पर उड़ेल लिया। जिससे आग और भडक उठी। आग की लपटों से घिरी महिला चीख-चीखकर ब्रह्मबाबा की जय हो का उद्घोष कर उनके आज्ञा का पालन करने की बात कहती रही। यह नजारा देख कुछ क्षण के लिए आसपास के ग्रामीण भी सन्न हो गए। मौके पर जुटे ग्रामीणों ने किसी तरह महिला के शरीर में लगी आग पर काबू पाने के बाद उसे तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल लाए। जहां उसकी हालत बेहद नाजुक देख स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाते समय महिला की चोपन पहुंचते ही मौत हो गई।
बिलखते रहे बच्चे - झारखंड के छतरपुर से 2007 में व्याह कर आई चंपा ने तीन पुत्री व एक पुत्र को जन्म दिया है। पड़ोसियों की मानें तो मानसिक रूप से कमजोर चंपा को अग्नि स्नान व पिता नंदलाल को बचाने के प्रयास में झुलसते देख बच्चे भी चीखने चिल्लाने लगे। उनकी चीख पुकार पर मौके पर जुटे ग्रामीण उसे बचाने में जुट गए।