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राजस्व की चिंता में योगी सरकार का शराबबंदी से इन्कार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज विधानसभा में शराबबंदी लागू करने से इन्कार कर दिया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2017 09:40 PM (IST)
राजस्व की चिंता में योगी सरकार का शराबबंदी से इन्कार
राजस्व की चिंता में योगी सरकार का शराबबंदी से इन्कार

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश में शराबबंदी लागू करने से सरकार ने इन्कार किया है। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल में कांग्रेस दलनेता अजय कुमार लल्लू के सवाल पर बताया कि लोककल्याणकारी व विकास कार्यो के लिए राजस्व प्राप्ति के लिए मदिरा का कारोबार किया जा रहा है। आबकारी मंत्री ने शराबबंदी से न केवल वित्तीय संकट बढऩे की आशंका जताई वरन अवैध शराब के धंधे को बढ़ावा मिलने की संभावना भी व्यक्त की। कहा कि शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने से अवैध शराब का धंधा करने वालों को प्रोत्साहन मिलेगा। अवैध शराब के सेवन से जनस्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी अवैध शराब से प्रति वर्ष बड़ी संख्या में लोगों की जान भी चली जाती है।  

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मंत्री से जवाब से असंतुष्ट लल्लू ने कहा कि केवल राजस्व प्राप्ति की आड़ लेकर शराब कारोबार का बचाव उचित नहीं। उन्होंने बिहार, गुजरात जैसे राज्यों का हवाला देते हुए सवाल किया कि जब वहां की सरकारें जनहित में शराबबंदी कर सकती हैं तो योगी की सरकार पीछे क्यों है? इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हम भी शराबबंदी के समर्थक रहे हैं। वर्ष 1977 में मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी जनता पार्टी सरकार द्वारा पूरे देश में शराबबंदी लागू करायी गई थी तब भाजपा यानी जनसंघ भी इस फैसले में अगुआ थी। उन्होंने शराब कारोबार को बढ़ावा देने का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा और देश की जनता को शराब की लत लगाने का आरोप भी लगाया। 

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शराबबंदी के कारण जनता पार्टी तोड़ी

नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने ही जनता पार्टी को तोड़ा क्योंकि मोरारजी भाई ने शराबबंदी को लागू कर किया, जो भाजपाइयों को पसंद नहीं था। इस पर प्रतिवाद करते हुए संसदीय कार्य मंत्री खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। 

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अपराधी संरक्षण में नोबल की बात

नाराज संसदीय मंत्री खन्ना ने पूर्ववर्ती सरकार पर अपराधियों को संरक्षण का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पर नोबल पुरस्कार दिया जाता तो ये लोग बाजी मार लेते। उन्होंने कहा कि कई वर्ष तक कानून व्यवस्था की ऐसी दुर्दशा की है उसको सुधार पाना आसान नहीं दिखता। इनके कारनामों की काली छाप मिटाए नही मिट रही है और नुकसान जनता को भुगतना पड़ रहा है।

अपराधियों को भाजपा ने बढ़ाया

खन्ना के आरोप पर नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भाजपा अपराधियों को संरक्षण देने का काम करती रही है। उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 1991 में मुलायम सिंह के सामने तहसीलदार सिंह को चुनाव किस दल ने लड़ाया। भाजपा इसका जवाब दे दे तो सदन को सच्चाई पता चल जाएगी।


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