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आइपीएस अमिताभ ठाकुर के घर पर विजिलेंस का छापा

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आईपीएस आमिताभ ठाकुर के घर पर आज विजिलेंस की टीम ने छापा मारा है। विजिलेंस विभाग की टीम इनके खिलाफ आय से अधिक मामले की जांच कर रही है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2015 12:11 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2015 02:55 PM (IST)
आइपीएस अमिताभ ठाकुर के घर पर विजिलेंस का छापा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाले आईपीएस आमिताभ ठाकुर के घर पर आज विजिलेंस की टीम ने छापा मारा है। विजिलेंस विभाग की टीम इनके खिलाफ आय से अधिक मामले की जांच कर रही है।

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आईपीएस अमिताभ ठाकुर के गोमती नगर स्थित घर पर मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में विजलेंस टीम ने छापा मारा है। इस छापेमारी पर अमिताभ ठाकुर ने कहा कि यह बेशर्मी की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इशारे पर मेरे घर पर यह छापेमारी हुई है। छापे के दौरान अमिताभ ठाकुर और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता पत्नी नूतन ठाकुर को उनके गोमती नगर के विराम खंड के घर से निकलने को कहा गया। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि विजिलेंस विभाग की इस कार्रवाई के पीछे प्रदेश सरकार का हाथ है। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी ठाकुर ने विजलेंस विभाग पर अपना पक्ष नहीं रखने देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने यहां तक कहा कि वह इस मामले में विजलेंस विभाग के खिलाफ लीगल एक्शन लेंगें। ठाकुर इस मामले को लेकर मुख्य सचिव अलोक रंजन, प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा व सचिव सतर्कता एसके रघुवंशी से पहले ही मिल चुके हैं। ठाकुर दंपति ने विजलेंस सचिव रघुवंशी और विजलेंस निदेशक भानु प्रताप सिंह को हटाने के लिए एक याचिका पहले से ही कोर्ट में दे रखी है, जिस पर चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट आज सुनवाई करेंगे।

विजलेंस विभाग ने अमिताभ के खिलाफ जांच में आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी मिलने पर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ केस दर्ज किया था। अगस्त में यूपी के लोकायुक्त जस्टिस (रिटायर्ड) एनके मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव भेजकर ठाकुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय, विजलेंस विभाग व सीबीआई के एंटी करप्शन विंग से जांच कराने को कहा था। इससे पहले जुलाई में अमिताभ ठाकुर को प्रदेश सरकार ने अनुशासनहीनता का आरोप लगते हुए ससपेंड कर दिया था।

मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी देने का मामला दर्ज कराने के बाद से अमिताभ ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। महानिरीक्षक नागरिक सुरक्षा के पद से निलंबित अमिताभ ठाकुर के घर, गोमतीनगर में आज विजिलेंस टीम ने छापा मारा है। अमिताभ के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच चल रही है। आज विजिलेंस विभाग की 38 सदस्यीय टीम ने अमिताभ ठाकुर के घर पर छापा मारा है। इनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच की जा रही है जबकि अमिताभ ने इस जांच को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती भी दी थी।

अमिताभ ठाकुर की दायर याचिका पर आज ही डीजी विजिलेंस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए सीजेएम कोर्ट में सुनवाई होनी है। अमिताभ का आरोप है कि सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर डीजी विजिलेंस भानु प्रताप सिंह उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। अमिताभ पहले भी आरोप लगा चुके हैं कि बदले की भावना से उनके खिलाफ तमाम कार्रवाई हो रही है।

हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी

हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपी सरकार से कहा था कि अमिताभ और उनकी पत्नी नूतन के मामले में सरकार प्रताडऩा के तहत कार्रवाई न करे। इससे पहले जांच के दौरान विजिलेंस विभाग ने अमिताभ ठाकुर से सभी संपत्तियों की फेहरिस्त मांगी थी। इसके अलावा उनसे पालतू पशुओं के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी। अमिताभ के खिलाफ लोकायुक्त में भी शिकायत की जा चुकी है। उनके खिलाफ गोमतीनगर थाने में उनके खिलाफ रेप का मामला भी दर्ज है।

मुलायम का ऑडियो रिलीज किया था

अमिताभ ठाकुर ने 10 जुलाई को धमकी देने के मामले में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एक ऑडियो टेप जारी किया था, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस ऑडियो में मुलायम अमिताभ को फिरोजाबाद के जसराना में हुई एक पुरानी घटना का हवाला देते हुए सुधर जाने की बात कहते सुनाई पड़ते हैं। अमिताभ का आरोप है कि यूपी के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के मोर्चा खोलने और लोकायुक्त में शिकायत की वजह से मुलायम ने उन्हें धमकी दी।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा

इस मामले में अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज कोतवाली में मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की अर्जी दी थी। इंस्पेक्टर विजयमल यादव ने कहा था कि जांच के बाद एफआईआर दर्ज होगी। बाद में अमिताभ से कह दिया गया था कि जांच में धमकी की बात साबित नहीं हुई। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में लखनऊ की तत्कालीन सीजेएम सोमप्रभा मिश्रा की अदालत में गुहार लगाई थी। कोर्ट ने हजरतगंज के इंस्पेक्टर को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।


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