यूपी पीसीएस-2017 की प्रारम्भिक परीक्षा 24 सितंबर को
सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी यूपी पीसीएस परीक्षा 2017 की प्रारम्भिक परीक्षा 24 सितंबर को होगी। आयोग पुराने पैटर्न पर ही परीक्षा कराएगा।
इलाहाबाद (जेेएनएन)। सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा यानी पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर असमंजस खत्म हो गया है। उप्र लोकसेवा आयोग ने 24 सितंबर को परीक्षा का कार्यक्रम वेबसाइट पर जारी कर दिया है। प्रदेश के 21 जिलों में दो पालियों (सुबह-शाम) में इम्तिहान होगा। इस एलान से आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआइ जांच देर से शुरू होने के आसार बढ़ गए हैं।
आयोग की पीसीएस 2017 प्रारंभिक परीक्षा को लेकर लेटलतीफी शुरू से जारी रही है, जो अब तक बरकरार है। परीक्षा के पैटर्न बदलाव को लेकर पहले आवेदन लेने में ही देर हुई। 22 जनवरी से 251 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए, जो अब बढ़कर 300 से अधिक हो गए हैं। करीब चार लाख 57 हजार अभ्यर्थियों ने तय समयावधि में दावेदारी की। इसी बीच प्रदेश सरकार ने सीसैट प्रभावित युवाओं को दो अतिरिक्त अवसर देने का एलान किया।
इससे आयोग को बीते नौ मई से ऑनलाइन आवेदन लेने के लिए वेबसाइट खोलना पड़ा। जून तक चली प्रक्रिया दो हजार सीसैट प्रभावित अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। उसके बाद से जुलाई या फिर सितंबर में प्रारंभिक परीक्षा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। इसी बीच आयोग की सीबीआइ जांच शुरू होने की भी सुगबुगाहट तेज थी, इससे अभ्यर्थियों में परीक्षा को लेकर असमंजस रहा।
तीसरी बार बदली परीक्षा तारीख
आयोग ने 2017 के परीक्षा कैलेंडर में पीसीएस की प्री इम्तिहान की तारीख सबसे पहले 19 मार्च घोषित की थी, उसके कुछ दिन पहले ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हुई थी, इसलिए परीक्षा टाल दी गई। दूसरी तारीख 21 मई घोषित हुई, लेकिन सीसैट प्रभावित अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने में यह तारीख भी टली। अब तीसरी बार 24 सितंबर की तारीख घोषित हुई है। परीक्षा नियंत्रक की ओर से जारी कार्यक्रम में इम्तिहान दो पालियों सुबह 9.30 से 11.30 व अपरान्ह 2.30 से 4.30 बजे तक होगा। परीक्षा 21 जिलों में कराया जाना प्रस्तावित है।
परीक्षा पर प्रतियोगियों का सवाल
आयोग के परीक्षा की तारीख घोषित करते ही प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने तमाम सवाल उठाये हैं। मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने कहा कि पीसीएस और आरओ-एआरओ तक का पेपर पहले लीक हो चुका है। आयोग इन मुद्दों पर मौन है। मौजूदा आयोग अध्यक्ष व सदस्यों के रहते परीक्षा बेहतर तरीके से कैसे हो सकती है। मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि वह अपना सीबीआइ जांच का वादा पूरा करे, साथ ही अध्यक्ष व सदस्यों के संपत्ति की जांच भी हो, ताकि परीक्षा सकुशल संपन्न हो जाए।