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आइएस को लेकर बढ़ी उत्तर प्रदेश की चुनौती

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) की उत्तर प्रदेश में सक्रियता से आगाह कर इस प्रदेश की चुनौती बढ़ा दी है। एक तरफ तो नेपाल सीमा से घुसपैठ का खतरा है और दूसरी तरफ प्रदेश के विभिन्न जिलों से फरार आरोपी आइएस के अभियान में शामिल हो रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 12:04 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 12:56 PM (IST)
आइएस को लेकर बढ़ी उत्तर प्रदेश की चुनौती

लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस्लामिक स्टेट (आइएस) की उत्तर प्रदेश में सक्रियता से आगाह कर इस प्रदेश की चुनौती बढ़ा दी है। एक तरफ तो नेपाल सीमा से घुसपैठ का खतरा है और दूसरी तरफ प्रदेश के विभिन्न जिलों से फरार आरोपी आइएस के अभियान में शामिल हो रहे हैं। सुरक्षा इकाइयां अब अभिसूचना संकलन, सोशल मीडिया की निगरानी और सीमा की सतर्कता पर जोर दे रही हैं।

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आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दिल्ली की बैठक में भाग लेने गए डीजीपी जगमोहन यादव व एटीएस के आइजी रामकुमार कल वापस लौटेंगे। इस बीच आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), लोकल इंटेलीजेंस यूनिट, स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों को डीजीपी ने मुस्तैदी से संदिग्धों पर नजर रखने और सीमा पर अति सतर्कता बरतने को कहा है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान नेपाल सीमा पर सात जिलों श्रावस्ती, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत की 550 किलोमीटर लंबी सीमा पर विशेष नजर बनाये हैं। सीमावर्ती जिलों की पुलिस को भी नेपाल के अफसरों से समन्वय बनाकर अभिसूचना संकलन और निगरानी की हिदायत दे दी गयी है।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने सुरक्षा और सतर्कता के लिये संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।

आइएस से फरार आरोपियों का कनेक्शन

हाल ही में सीरिया में आइएस की ओर से लड़ते हुए बड़ा साजिद के मारे जाने की खबर आयी। हालांकि अभी तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इसकी पुष्टि नहीं की है। दिल्ली के बाटला हाऊस कांड में नाम आने के बाद आजमगढ़ के संजरपुर का बड़ा साजिद फरार हुआ तो फिर पुलिस की पकड़ में नहीं आया। उसके कई साथी इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के साथ जुड़ गये और इस सच पर मुहर नेपाल सीमा पर आइएम के सह संस्थापक यासीन भटकल के साथ आजमगढ़ के ही असदुल्लाह हड्डी के पकड़े जाने के बाद लगी। आजमगढ़ का असदुल्लाह भी साजिद के साथियों में एक है। एनआइए समेत कई एजेंसियों को यह अंदेशा है कि आइएम से जुड़े आजमगढ़ के संजरपुर का खालिद उर्फ सगीर, डॉ. शाहनवाज आलम, मोहम्मद राशिद, अबू राशिद उर्फ डंडा व आजमगढ़ कोतवाली के बाजबहादुर मोहल्ले का आरिज खान जुनैद, राजा का किला निवासी मिर्जा शादाब बेग और निजामाबाद फरिया का वासनिक बिल्लू उर्फ रमजान जैसे कई फरार आरोपी आइएस के नेटवर्क में हैं। बड़ा साजिद के बारे में तो कई महत्वपूर्ण सूचनाएं भी हैं। बिजनौर में धमाका करने वाले मध्यप्रदेश जेल से भागे चार आरोपियों का अलग-अलग पोज में एनआइए ने इश्तहार भी जारी किया है। यह शक गहरा हो गया है कि आइएस की शह पर ये लोग उत्तर प्रदेश में अपना नेटवर्क मजबूत कर सकते हैं। अब इन लोगों ने अपना हुलिया ऐसा बदल लिया है कि देखने में आम लोगों की तरह ही दिखायी दें। एटीएस के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे सभी संदिग्ध तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।


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