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सरकार का यू टर्न, अब मांगने पर मिलेगी यशभारती की पेंशन

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक के फैसले पर एक बार फिर यू टर्न लिया है। प्रदेश सरकार ने यश भारती व केंद्र के पद्म पुरस्कार से अलंकृत व्यक्तियों को 50 हजार मासिक पेंशन की योजना पर एक 'शर्त' लगा दी है। अब पेंशन के लिए पुरस्कृत व्यक्ति को

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2015 10:26 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2015 10:41 AM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक के फैसले पर एक बार फिर यू टर्न लिया है। प्रदेश सरकार ने यश भारती व केंद्र के पद्म पुरस्कार से अलंकृत व्यक्तियों को 50 हजार मासिक पेंशन की योजना पर एक 'शर्त' लगा दी है। अब पेंशन के लिए पुरस्कृत व्यक्ति को पहले आवेदन करना होगा।

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सरकार ने कल यश भारती पेंशन पर अपना पक्ष साफ किया। सरकार का कहना है कि यश भारती के तहत मिलने वाली 50,000 रुपए की पेंशन अब केवल जरूतरमंद विजेताओं को ही मिलेगी। इसके लिए केवल एक निर्दिष्ट प्रक्रिया के माध्यम से इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रति माह 50,000 रुपए की पेंशन राशि केवल वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं उन लोगों को ही मिलेगी जिन्हें यश भारती और पद्म पुरस्कार मिला है। पेंशन लाभ की तलाश करने के इच्छुक लोगों को भी एक प्रक्रिया के माध्यम से इसके लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी। यश भारती से सम्मानित सिने स्टार अमिताभ बच्चन के पेंशन राशि जरूरतमंद को देने के ट्वीट पर सरकार ने नियमों में यह शर्त जोड़ी है।

राज्य कैबिनेट परसों ने यश भारती व पदम पुरस्कारों से अलंकृत लोगों को जीवन पर्यंत पचास हजार रुपए पेंशन देने का निर्णय किया था। पेंशन में उन सभी लोगों को पात्र माना गया था जिनकी जन्म या कर्मभूमि उत्तर प्रदेश है। नियमावली में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अधिकृत किया गया था। कल यश भारती से सम्मानित सिने अमिताभ बच्चन ने पेंशन जरूरतमंद को दिये जाने का ट्वीट किया और विपक्षी दलों ने फैसले की आलोचना भी शुरू कर दी, जिस पर नियमावली में नई शर्त जोड़ते हुए पेंशन के लिए आवेदन अनिवार्य कर दिया और आवेदक का जरूतमंद होना जरूरी बनाया है। ïमुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से कल जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रदेश का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के मकसद से राज्य सरकार ने यश भारती पुरस्कार तथा पद्म सम्मान से अलंकृत महानुभाव को 50 हजार रुपये की मासिक पेंशन देने का फैसला लिया है। पेंशन योजना का लाभ जरूरतमन्द पात्र व्यक्तियों को ही दिया जायेगा।

यादव ने कहा कि मीडिया व अन्य स्रोतों से ऐसे मामले संज्ञान में आए थे कि कतिपय सम्मानित व्यक्ति आर्थिक तंगी सेगुजर रहे हैं। ऐसे जरूरतमन्दों को आर्थिक मदद करने के लिएयह पेंशन योजना संचालित होगी।

अमिताभ ने भी उठाया पेंशन पर सवाल

पेंशन में नया मोड़ उस वक्त आया है जब महानायक अमिताभ बच्चन के पेंशन की रकम को लौटा दिया था। बिग बी ने 50,000 रुपए की पेंशन को प्रदेश सरकार को यह कहते हुए लौटाया कि इसे उनकी, उनकी पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन की ओर से चैरिटी समझा जाए।

गौरतलब है कि यश भारती साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता, ललित कला, शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत और खेल के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के प्रदत्त उच्चतम पुरस्कारों में से एक है। बच्चन परिवार के चार सदस्यों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें अमिताभ बच्चन, पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन के अलावा बिग बी के पिता साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन को भी 1994 में उद्घाटन वर्ष में सम्मान से सम्मानित किया गया था।

कांग्रेस ने अमिताभ बच्चन ने यश भारती सम्मान की पेंशन राशि ना लेने के फैसले की सराहना की है। कांग्रेस का कहना है कि बेहतर होता कि सरकार की तरफ से की गई पेंशन की घोषणा सिर्फ जरूरतमंद कलाकारों को ही दी जाती। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार मनचाहे लोगों को इन सम्मानों के लिए चुनती है, जबकि सही मायने में सम्मानों के हकदार पीछे छूट जाते हैं।


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