उत्तर प्रदेश के 87 महत्वपूर्ण ठिकानों की सुरक्षा में इजाफा
। नेपाल सीमा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर अयोध्या, मथुरा, काशी और ताजमहल समेत 87 महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। इनमें 43 धार्मिक और 44 अन्य स्थल हैं। प्रदेश पुलिस की अभिसूचना इकाई से इस आशय की रिपोर्ट के आधार पर
लखनऊ। नेपाल सीमा पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर अयोध्या, मथुरा, काशी और ताजमहल समेत 87 महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। इनमें 43 धार्मिक और 44 अन्य स्थल हैं। प्रदेश पुलिस की अभिसूचना इकाई से इस आशय की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने यह कदम उठाया है। समझा जाता है कि देशद्रोही ताकतें उत्तर प्रदेश का माहौल खराब करने के इरादे से सक्रिय हो चुकी हैं।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने सुरक्षा योजना तैयार की है। इसमें अयोध्या, मथुरा, काशी और ताज के अलावा विंध्याचल धाम, वाराणसी का संकट मोचन, गोरखपुर का गोरक्षनाथ मंदिर, बाराबंकी में देवां शरीफ, बागपत का पूरा महादेव मंदिर, मेरठ में औघडऩाथ मंदिर समेत प्रदेश के कई धार्मिक स्थल हैं जहां की सुरक्षा की नये सिरे से समीक्षा की गयी है। यहां अतिरिक्त फोर्स बढ़ाने और नियमित निगरानी के निर्देश भी दिए गए हैं। इन धार्मिक स्थलों के अलावा लखनऊ और वाराणसी के अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट, गोरखपुर, आगरा, इलाहाबाद और कानपुर एयरपोर्ट, विधानभवन, सचिवालय, बुलंदशहर का नरौरा एटामिक पावर स्टेशन, लखनऊ का इस्ट्रैक ग्राउण्ड स्टेशन, गाजियाबाद का भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड, कानपुर की स्माल आम्र्स फैक्ट्री, गौतमबुद्धनगर का इंडिया गवर्मेंट मिंट, नोएडा, झांसी का भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, सोनभद्र के सभी पावर स्टेशन, ऊंचाहार थर्मल पावर, औरैया गैस पावर स्टेशन, कम्प्रेसर स्टेशन दिबियापुर, वाराणसी का लोकोमोटिव वर्कशाप और मथुरा की ओआइसी रिफाइनरी समेत कुल 44 महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कड़ी की गयी है। एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा की जवाबदेही तय है। नियमित मानीटरिंग और निर्धारित अवधि में समीक्षा की जा रही है। सुरक्षा बेहतर करने की कोशिश हमेशा होती है। इस समय के प्रयास काफी बेहतर हैं। सीसीटीवी कैमरे बढ़ाने, बाउंड्री वाल, कंटीले तार, वाच टावर लगाने और संतरी पोस्ट बढ़ाने के उपाय भी शामिल हैं।