स्वास्थ्य नीति बनाने में जुटी सरकार, शाम की ओपीडी शुरू करने पर विचार
मुख्यमंत्री के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन की समीक्षा करते हुए सिंह ने कहा कि 18 मंडलीय अस्पतालों में सिटी स्कैन व एमआरआइ की सुविधा जल्द उपलब्ध कराई जाए।
लखनऊ (जेएऩएन)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया जाएगा। स्मार्ट फोन आधारित सेवा होगी। ई-टेंडरिंग द्वारा औषधियों तथा उपकरणों की खरीद सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष दिए गए प्रजेंटेशन की समीक्षा करते हुए सिंह ने कहा कि 18 मंडलीय अस्पतालों में सिटी स्कैन व एमआरआइ की सुविधा जल्द उपलब्ध कराई जाए। निजी पैथालाजी से अनुबंधकर प्रत्येक जिले में एमआरआई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। गुर्दा रोग से ग्रसित मरीजों को राहत के लिए मंडल मुख्यालयों पर हीमो डायलिसिस इकाई जल्द शुरू की जाए।
108 एंबुलेंस सेवा का लाभ त्वरित पहुंचाया जाए। एंबुलेंस में जीपीएस आधारित स्मार्टफोन एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाए। एंबुलेंस में सीसीटीवी के जरिये टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मंत्री ने कहा कि 'मानव संपदा साफ्टवेयर को क्रियाशील बनाया जाए। अपर मुख्य सचिव अरुण सिन्हा ने मंत्री को बताया कि 100 दिनों की कार्य योजना में गरीब कल्याण कार्ड, हेल्थ एप, दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य सेतु और राज्य स्वास्थ्य नीति शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को प्राथमिकता से चलाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 30 जिला स्तरीय चिकित्सालयों में ई-हास्पिटल की सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। सेवानिवृत्त एमबीबीएस चिकित्सकों को पुनर्नियोजन, सायंकालीन ओपीडी का संचालन तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों को अतिरिक्त मानदेय की योजना बनाया जा रही है।