गीता प्रेस का प्रबंधन व कर्मचारी अड़े, वार्ता विफल
गोरखपुर गीता प्रेस के कर्मचारियों व प्रबंधन के बीच समझौता के लिए बुलाई गई आठवीं बैठक भी बेनतीजा रही। उप श्रमायुक्त के कार्यालय में हुई बैठक में कर्मचारी नेता अनुशासनहीनता के आरोप में निकाले गए पांच अस्थायी कर्मचारियों को काम पर वापस लिए जाने की जिद पर अड़े रहे
लखनऊ । गोरखपुर गीता प्रेस के कर्मचारियों व प्रबंधन के बीच समझौता के लिए बुलाई गई आठवीं बैठक भी बेनतीजा रही। उप श्रमायुक्त के कार्यालय में हुई बैठक में कर्मचारी नेता अनुशासनहीनता के आरोप में निकाले गए पांच अस्थायी कर्मचारियों को काम पर वापस लिए जाने की जिद पर अड़े रहे, तो प्रबंधन ने भी साफ कर दिया कि कर्मचारियों को वापस नहीं लिया जाएगा जिन्होंने सहायक प्रबंधक के साथ बदसलूकी की। दो चरणों की वार्ता का जब कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला तो बातचीत केलिए अगली तारीख चार सितंबर निर्धारित कर दी गई। इस बीच गतिरोध समाप्त न होने की स्थिति में प्रबंधन ने गीताप्रेस को गुजरात या महाराष्ट्र में शिफ्ट करने की बात भी कही।
वार्ता में प्रबंधन की तरफ से ट्रस्टी बोर्ड के अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में गीता प्रेस के विधि सलाहकार एसके माथुर पहुंचे। प्रबंधन ने निलंबित 12 कर्मचारियों की वापसी पर विचार करने की बात कही, लेकिन पांच अस्थायी कर्मचारियों को वापस लेने पर राजी नहीं हुआ। इस बीच उप श्रमायुक्त ने निकाले गए पांच अस्थायी कर्मचारियों के लिए विकल्प सुझाया कि जिस कर्मचारी ने जितने वर्ष काम किया है, उसे उतने माह का वेतन दे दिया जाए। इस पर उन्होंने दोनों पक्षों को सोचने का समय दिया और पुन: दूसरे चरण की वार्ता का समय शाम चार बजे तय कर दिया। दोबारा बैठक शुरू हुई तो इस पर न तो प्रबंधन राजी हुआ और न ही कर्मचारी। एडीएम सिटी बीएन सिंह व उप श्रमायुक्त यूपी सिंह ने बताया कि कुछ बिंदुओं पर सहमति बन गई, कुछ बिंदुओं पर बाकी है। उम्मीद है कि चार सितंबर को मामला सुलझ जाएगा। किन बिंदुओं पर सहमति हुई, इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
क्या है मामला
सहायक प्रबंधक के साथ अभद्रता के आरोप में आठ अगस्त को प्रबंधन ने 12 स्थायी कर्मचारियों को निलंबित व पांच अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। तभी से कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
गीता प्रेस बचाने को बच्चों ने निकाली रैली
गीता प्रेस बचाने के लिए बच्चों ने मंगलवार को रैली निकाली। बच्चों ने जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें गीता प्रेस की महत्ता बताते हुए इसे बचाने की अपील की गई है।