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नीति आयोग में योगीः गरीबी रेखा तय करने को हर पांच साल में हो सर्वे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबी रेखा तय करने के लिए केंद्र सरकार से हर पांचवें साल में सर्वे कराने की मांग रखी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 09:48 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 11:28 PM (IST)
नीति आयोग में योगीः गरीबी रेखा तय करने को हर पांच साल में हो सर्वे
नीति आयोग में योगीः गरीबी रेखा तय करने को हर पांच साल में हो सर्वे

लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबी रेखा तय करने के लिए केंद्र सरकार से हर पांचवें साल में सर्वे कराने की मांग रखी है। राज्य सरकार ने गरीबी उन्मूलन पर केंद्र सरकार की संस्तुतियों को उचित ठहराते हुए किसी स्वतंत्र संस्था के जरिये गरीबी रेखा निर्धारण के लिए सर्वे कराने की अपेक्षा की है। 

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मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह प्रस्ताव रखा। कृषि विकास पर गठित टास्क फोर्स की संस्तुतियां तथा खेती का कार्य कर रहे बटाईदारों को भी अनुदान का लाभ दिए जाने की बात रखी। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार प्रदेश को स्वच्छ, स्वस्थ, समर्थ और देश का सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार का प्रयास है कि उप्र कौशल विकास मिशन के तहत प्रत्येक इच्छुक परिवार में कम से कम एक सदस्य को कौशल विकास प्रशिक्षण से युक्त किया जाए। इस प्रक्रिया में अभी तक 50 लाख युवाओं का पंजीकरण किया जा चुका है। कौशल विकास मिशन के तहत 2014-15 से 2016-17 तक विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में चयनित लगभग पांच लाख युवाओं में से 3.5 लाख युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तथा लगभग 1.5 लाख युवा रोजगार पा चुके हैं। 15 जून तक  86 हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने के राज्य सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पर 4500 करोड़ का खर्च अनुमानित है। मुख्यमंत्री ने लगभग तीन हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा कराये जाने की जानकारी देते हुए इसके लिए केंद्र सरकार से धन मांगा। 

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दिसंबर तक 30 जिले खुले शौच से होंगे मुक्त 

मुख्यमंत्री ने बैठक में जानकारी दी कि स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन की दिशा में प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है। प्रदेश की 59 हजार ग्राम पंचायतों में अब तक 3500 ग्राम पंचायतों को खुले शौच से मुक्त कर दिया गया है। दिसंबर तक 30 जिले खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे। दो अक्टूबर, 2018 तक संपूर्ण प्रदेश को खुले शौच से मुक्ति दिलाने का लक्ष्य है। 

125 नए न्यायालयों का होगा सृजन 

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्षों में 978 नए न्यायालयों का सृजन किया गया है। न्याय प्रक्रिया को सरल व सुगम बनाने के लिए 125 नए न्यायालयों का सृजन प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष में गरीबों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री समेत बैठक के सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार जताया। 

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जीएसटी बिल पर दी जानकारी 

प्रदेश सरकार केंद्र द्वारा लागू किए जा रहे जीएसटी बिल, डिजिटल इंडिया, आधार लिंक, भीम एप, स्टार्टअप इंडिया व मेक इन इंडिया जैसी महत्वपूर्ण योजनाओ में भी सक्रिय सहभागिता तथा प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के गठन के उपरांत संकल्प पत्र में लिए गए वादों को पूरा करने तथा लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों से अवगत कराया। योगी ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में किसानों की कर्जमाफी से लेकर बाद की बैठकों में हुए महत्वपूर्ण फैसलों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव नियोजन मुकुल सिंघल भी बैठक में शामिल हुए। 


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