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पेराई सत्र में देरी से पिछड़ेगी गेहूं बोआई

लखनऊ। दीपावली बीतने के बाद अभी एक पखवारा गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 09:56 PM (IST)

लखनऊ। दीपावली बीतने के बाद अभी एक पखवारा गन्ना पेराई सत्र शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे। गन्ना कटाई शुरू न होने से खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं इसलिए गेहूं की बोआई पिछड़ेगी। वहीं पशुओं के लिए चारा संकट भी गंभीर हो गया है। यही हाल रहा तो गेहूं उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा।

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गन्ना आयुक्त सुभाष चंद शर्मा के निर्देश माने जाएं तो 15 नवंबर तक चीनी मिलों में पेराई शुरू हो जानी चाहिए परन्तु ऐसे हालात दिख नहीं आ रहे। मिल संचालकों ने पेराई शुरू करने पर सहमति तो जताई परन्तु मिलों में मरम्मत एवं रखरखाव का काम अभी निपटा नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इसी रफ्तार से काम चला तो नवंबर के अंत तक ही पेराई शुरू हो सकेगी और फिर गन्ना कटाई कार्य आरम्भ होगा। गन्ने के खेत खाली होने के बाद ही गेहूं बोआई की तैयारी होगी।

कृषि कैलेंडर के मुताबिक अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के प्रथम सप्ताह तक गेहूं बोआई का उत्तम समय होता है। बोआई में देरी का प्रतिकूल प्रभाव सीधे उत्पादन पर पड़ेगा। यही कारण है कि गत दो वर्ष से रबी सीजन में मौसम माकूल होने के बावजूद खाद्यान्न उत्पादन गिरा है। कृषि विशेषज्ञ डा. एसके सिंह का कहना है कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए समय से बोआई करना बहुत जरूरी है लेकिन गत दो सत्र से बोआई का चक्र गड़बड़ाया है।

पशु पालकों की मुसीबत बढ़ी : बाजार में भूसा की कीमत 800 से एक हजार रुपये तक होने के कारण पशुपालकों की परेशानी बढ़ी है। भूसा मूल्य आसमान छूने की वजह बताते हुए पशुपालक सुरेश पाल का कहना है कि सीजन शुरू होने के बावजूद गन्ने की कटाई नहीं होना परेशानी का सबब बना है। गन्ने की फसल कटाई से चारे की समस्या काफी हद तक निपट जाती है। इस बार मिलों द्वारा गन्ना खरीद शुरू न करने से खेत में गन्ना खड़ा रखना मजबूरी हो गया है।

गन्ना समर्थन मूल्य को लेकर टकराव : गन्ना समर्थन मूल्य निर्धारण नहीं हो पाना भी पेराई सत्र में विलंब की वजह बना है। किसान जागृति मंच के सुधीर पवार का आरोप है कि चीनी मिल मालिक दबाव बनाने के लिए पेराई में अनावश्यक देरी कर रहे हैं। इस बावत 28 अक्टूबर को बैठक होगी परन्तु गन्ना मूल्य तय होना अभी संभव नहीं दिख रहा है। जाहिर है गन्ना संकट को लेकर टकराव अभी बना रहेगा।

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इनसेट

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गेहूं उत्पादन की स्थिति

वर्ष लक्ष्य पूर्ति

2011-12 317.73 315.77

2012-13 332.11 313.32

2013-14 349.32 320

2014-15 366.85 ----

नोट-गेहूं उत्पादन लाख मीट्रिक टन।

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