एसटीएफ को पेट्रोल की हाईटेक घटतौली में तीन आरोपियों की सरगर्मी से तलाश
पेट्रोल पंप पर हाईटेक घटतौली मामले में अब एसटीएफ को तीन आरोपियों की सरगर्मी से तलाश है।
लखनऊ (जेएनएन)। छापे के बावजूद बेखौफ पेट्रोल पंप संचालक चोरी से बाज नहीं आ रहे। राजधानी लखनऊ के एक और पेट्रोल पंप में इलेक्ट्रॉनिक चिप के जरिये पेट्रोल चोरी का मामला पकड़ा गया है। आज बाट माप विभाग के निरीक्षक व भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने आशियाना क्षेत्र स्थित चंद्रा फिलिंग स्टेशन में घटतौली पकड़ी। यहां दो मशीनों में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी पाई गई। इस पंप पर मौके पर पांच लीटर तेल में 40 मिलीलीटर तेल की चोरी पकड़ी गई। हालांकि मौके पर रिमोट बरामद नहीं किया जा सका। अधिकारियों को आशंका है कि रिमोट से घटतौली की मात्रा कम कर दी गई थी। पंप को सीज कर दिया गया है। अब मामले में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की तैयारी है। इसी बीच शुक्रवार को पेट्रोल चोरी के मामले में गिरफ्तार चार पंप मालिकों सहित 23 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। मामले को साफ करने में जुटी एसटीएफ तीन आरोपियों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
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कुछ दिलचस्प पर्दाफाश
पेट्रोल पंप पर हाईटेक घटतौली मामले की जांच के कदम बढऩे के साथ ही दिलचस्प पर्दाफाश भी होते जा रहे हैं। सामने आया है कि आरोपी इलेक्ट्रीशियन राजेंद्र के गुरु 'रंगा-बिल्ला' हैं। लखनऊ निवासी राजीव और राज मिश्रा उर्फ राजू दिल्ली से पेट्रोल पंप की मशीनों में चिप लगाने का हुनर सीखकर आए थे और उन दोनों ने ही राजेंद्र को ट्रेंड किया था। पेट्रोल पंप संचालक, कर्मचारी और इस काले कारोबार से जुड़े लोग राजीव और राज को 'रंगा-बिल्ला' के ही नाम से जानते हैं। वे इसी नाम से मशहूर हैं। दोनों ने शहर व अन्य जिलों के पंपों में बड़े पैमाने पर चिप लगाई हैं। 'रंगा-बिल्ला' भी इस गोरखधंधे के द्वितीय श्रेणी के खिलाड़ी हैं। उनका भी एक गुरु है, जो मास्टरमाइंड है। दिल्ली निवासी अतुल बर्मन ने करीब 10 साल पहले 'रंगा-बिल्ला' को चिप लगाने की कला सिखाई थी।
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सर्विलांस की मदद
पूर्व में अतुल एक पेट्रोलियम कंपनी में काम करता था और वह मशीन का मदर बोर्ड बनाने में एक्सपर्ट है। अतुल ने ही दिल्ली में इलेक्ट्रानिक चिप को मशीन में फिट करने का काम सीखा और फिर उसे 'रंगा-बिल्ला' व अन्य शिष्यों को सिखाया। पुलिस अतुल की तलाश भी कर रही है। आरोपियों तक पहुंचने के लिए सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है। बताया गया कि आरोपी राजेंद्र गल्ला मंडी स्थित लालता प्रसाद पेट्रोल पंप पर करीब 20 साल से काम करता था। इसी बीच वह इलेक्ट्रीशियन बन गया। करीब सात साल पहले राजेंद्र 'रंगा-बिल्ला' के संपर्क में आया और उनसे चिप लगाने का काम सीखा। शुरुआत में वह राजीव व राजू के साथ चिप लगाने का काम करता था। फिर दिल्ली से चिप लगाकर अपना खुद का काम करने लगा। बताया गया कि राजीव व राज ने आइटीआइ कर रखा है। दोनों के पकड़े जाने पर कई बड़े राज खुलेंगे।
मशीन की पल्स बढ़ा देती चिप
मशीन में लगाई जाने वाली चिप उसकी पल्स को बढ़ा देती थी। ऐसा होने पर मशीन से तेल निकलने की मात्रा कम हो जाती थी। जबकि मीटर में रीडिंग पूरी दिखाई देती थी। वहीं एसटीएफ अब बरामद इलेक्ट्रानिक चिप को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भिजवा रही है। ताकि यह प्रमाणित हो सके कि चिप किस प्रकार मशीन पर प्रभाव डालती थी। तकनीक में बदलाव के साथ इलेक्ट्रानिक चिप का स्वरूप भी बदलता गया। पहले लगने वाली चिप मशीन के बाहर लगती थी। ऐसी चिप चौक स्थित पेट्रोल पंप मेंं पकड़ी गई। तब मशीन की सील तोडऩे की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन पकड़े जाने का खतरा अधिक था। वहीं, मशीन में बदलाव के साथ मदर बोर्ड में चिप लगाई जाने लगी। जबकि नई चिप भी आ गई, जिसे पैनल के नीचे छिपाकर लगाया जाता है।