मांगों को लेकर जिलों में मोटरसाइकिल रैली निकालेंगे राज्य कर्मचारी
कर्मचारियों का कहना है कि डेढ़ महीने में सरकार ने कर्मचारी हितों पर सकारात्मक फैसले न किए तो अगले चरण में हड़ताल की भी योजना बनाई जा सकती है।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश के सभी जिलों में धरना देकर जिलाधिकारियों के जरिये शासन तक ज्ञापन पहुंचाने के बाद भी सुनवाई न होने पर राज्य कर्मचारियों ने अब अगले चरण के आंदोलन की तैयारी कर ली है। अब वे तीन नवंबर को जिलों में मोटरसाइकिल रैली निकालेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि डेढ़ महीने में सरकार ने कर्मचारी हितों पर सकारात्मक फैसले न किए तो अगले चरण में हड़ताल की भी योजना बनाई जा सकती है।
छह सितंबर को राजधानी सहित जिलों में प्रदर्शन करने के बाद कर्मचारियों ने शासन को 10 दिन का समय दिया था। परिषद महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि बीचे छह महीनों की तरह इन 10 दिनों में भी शासन की ओर से कर्मचारियों के साथ संवाद कर समस्याएं सुलझाने के प्रयास शुरू नहीं किए गए। इसे देखते हुए सोमवार को परिषद की बैठक में प्रदेशव्यापी रैली निकालने की योजना बनाई गई है। परिषद अध्यक्ष सुरेश रावत व वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीशचंद्र मिश्र ने बैठक के बाद बताया कि नई सरकार बनने के छह महीने बाद भी कर्मचारियों के साथ कोई बैठक न होने से मांगें लंबित पड़ी हैैं, जबकि वेतन समिति के अधिकारियों को हटा देने से वहां का काम भी ठप पड़ा है।
छठे वेतनमान की विसंगतियां समाप्त करने, केंद्र के समान भत्ते दिए जाने, 50 वर्ष की सेवा पर जबरन सेवानिवृत्त न किए जाने, निजीकरण को रोकने, आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर कार्यरत कर्मियों को समायोजित करने, रिक्त पदों पर भर्तियां करने, परिवहन निगम सहित अन्य विभागों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने तथा डिप्लोमा इंजीनियर्स की तरह 4600 की जगह 4800 रुपये ग्रेड पे देने सहित अन्य मांगों पर भी निर्णय नहीं हो पा रहा है। परिषद ने इन मांगों को लेकर अब तीन नवंबर को मोटरसाइकिल रैली के जरिये फिर शासन तक पहुंचाने का निर्णय किया है।