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अब यूपी में नये मुख्य सचिव और डीजीपी की शुरू हुई दौड़

अब जबकि भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने जा रही है तो नए मुख्य सचिव और डीजीपी के नाम को लेकर अटकलबाजी भी शुरू हो गयी है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 10:33 AM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 10:45 AM (IST)
अब यूपी में नये मुख्य सचिव और डीजीपी की शुरू हुई दौड़

लखनऊ (जेएऩएन)। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निर्वाचन आयोग से मुख्य सचिव राहुल भटनागर और डीजीपी जावीद अहमद को हटाने के लिए बार-बार शिकायतें की। भाजपा के केंद्रीय नेताओं से लेकर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन देख रहे प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर और कुलदीप पति त्रिपाठी ने पांच बार लिखित रूप से इन अधिकारियों को हटाने की मांग की। अब जबकि भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने जा रही है तो नए मुख्य सचिव और डीजीपी के नाम को लेकर अटकलबाजी भी शुरू हो गयी है। 

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मौजूदा मुख्य सचिव राहुल भटनागर 1983 बैच के आइएएस अफसर हैं। भाजपा की पसंद के ज्यादातर अफसर केंद्र में तैनात हैं। प्रदेश में तैनात वरिष्ठता क्रम में सबसे पहले 1980 बैच के शैलेश कृष्ण हैं लेकिन, उनकी सेहत ठीक नहीं है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1981 बैच के राजीव कुमार, अनुज कुमार विश्वनोई, अनिल स्वरूप और देवेन्द्र चौधरी की तैनाती हैं। इनमें से कोई भी यहां बुलाया जा सकता है। इस बैच के कुंवर फतेह बहादुर जल्द सेवानिवृत्त होंगे। 1982 बैच के अफसर प्रवीर कुमार राजस्व परिषद के चेयरमैन हैं और उन्हें भी मौका मिल सकता है। प्रवीर के अलावा उनके बैच के नीरज गुप्ता, जेएस दीपक, अविनाश श्रीवास्तव, प्रदीप भटनागर, सुशील कुमार, दिनेश सिंह और पीके झा की केंद्र में तैनाती हैं। सरकार इनमें से भी किसी को वापस लाकर मौका दे सकती है। इसी बैच के दीपक सिंघल मुख्य सचिव रह चुके हैं और एनसीआर के आयुक्त हैं। 1983 बैच के अफसरों में राहुल भटनागर के अलावा सदाकांत, राजीव कुमार द्वितीय, राज प्रताप सिंह, चंचल तिवारी, अरुण कुमार सिन्हा और हरिराज किशोर हैं।

डीजीपी के लिए 1986 बैच तक नजर
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया था कि वरिष्ठता की अनदेखी कर सपा सरकार ने जावीद अहमद को डीजीपी बनाया है। वरिष्ठता क्रम से देखा जाए तो 1980 बैच के सुलखान सिंह सबसे वरिष्ठ हैं लेकिन, इसी वर्ष सितंबर में उन्हें सेवानिवृत्त होना है। सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है कि वरिष्ठता क्रम में तीन लोगों का पैनल बनाकर कम से कम दो वर्ष की अवधि के लिए डीजीपी की तैनाती की जाए। इस पैमाने पर देखा जाए तो 1982 बैच के प्रवीण सिंह जून 2018, डा. सूर्य कुमार अगस्त 2018 और राजीव राय भटनागर का कार्यकाल दिसंबर 2019 तक है। भटनागर की तैनाती इन दिनों केंद्र में नारकोटिक्स ब्यूरो में है। भटनागर 1983 बैच के अफसर हैं। फिर 1983 बैच के ही गोपाल गुप्ता जून 2019 तक, केंद्र में तैनात ओमप्रकाश सिंह का कार्यकाल जनवरी 2020 तक है। मौजूदा डीजीपी जावीद अहमद 1984 बैच के हैं और उनका भी कार्यकाल मार्च 2020 तक है। उनके बैच के आलोक प्रसाद मार्च 2018 में सेवानिवृत्त होंगे। डीजी विजिलेंस 1985 बैच के भानुप्रताप सिंह इसी वर्ष जून में सेवानिवृत्त होंगे जबकि 1985 बैच के हितेष चंद्र अवस्थी जून 2021 में सेवानिवृत्त होंगे। केंद्र में तैनात 1985 बैच के अरुण कुमार समेत कई अफसरों की वापसी की भी चर्चा शुरू हो गयी है। उत्तर प्रदेश में 1986 बैच के पीके तिवारी भी डीजी बन गये हैं। बताते हैं कि पीके तिवारी तक का नाम इस दौड़ में चल रहा है। 


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