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सपा पहलवानों की पार्टी : अखिलेश

खेल दिवस के मौके पर अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के नामचीन खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को पहलवानों की पार्टी बताया। इस दौरान सैकड़ों खिलाडिय़ों की मौजूदगी में वह अपने गृह जनपद इटावा की तारीफ करना भी नहीं भूले।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 10:48 AM (IST)
सपा पहलवानों की पार्टी : अखिलेश

लखनऊ। खेल दिवस के मौके पर अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के नामचीन खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को पहलवानों की पार्टी बताया। इस दौरान सैकड़ों खिलाडिय़ों की मौजूदगी में वह अपने गृह जनपद इटावा की तारीफ करना भी नहीं भूले।

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मुख्यमंत्री ने ठिठोली के अंदाज में कहा कि समाजवादी पार्टी को तो पहलवानों की पार्टी कहा जाता है। हमारे इटावा से देश का नाम रोशन करने वाले बहुत से खिलाड़ी निकले हैं। हम खिलाडिय़ों के साथ ही सूबे की हर प्रतिभा का सम्मान करने में आगे ही रहते हैं। हमारी सरकार ने सदैव प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों का सम्मान किया है। फिर भी कुछ खेलों के खिलाड़ी अभी छूट गये हैं। उनका भी सम्मान होगा। खेल को बढ़ावा देने के लिए नया स्टेडियम बनाया जा रहा है। प्रयास होगा अगला समारोह उसी में आयोजित किया जाए। पुरस्कार राशि के अलावा खिलाडिय़ों को आहार भत्ता भी बढ़ाया है। विभिन्न खेलों के कोच की संख्या बढ़ाई गई है। 170 और कोच बढ़ाने पर भी विचार होगा।

उन्होंने कहा कि हम खिलाडिय़ों को और सुविधाएं देंगे। गरीब खिलाडिय़ों की पूरी मदद करेंगे। हमारे प्रदेश की प्रतिभाओं ने देश का नाम रोशन किया है। खिलाड़ी तो कठिन हालातों से जीतकर निकले हैं। हम उनको अब बहुत कठिनाई में नहीं रहने देंगे। अब बहुत जल्द विदेश कोच उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देकर उनका खेल निखारेंगे। हमारी सरकार सबसे उदारवादी है। अब तक 'जिसने जो भी सुझाव दिया, उसे न सिर्फ सुना बल्कि अमल भी किया है। अगले बजट में खेल व खिलाडिय़ों के लिये जरूरी राशि का इंतजाम करेंगे।

मुहूर्त पर चुटकी

भाषण में 'तंज' की अब नई शैली विकसित करने का प्रयास कर रहे अखिलेश यादव ने विलंब से कार्यक्रम में पहुंचने की सफाई भी अलग अंदाज में दी। उन्होंने कहा कि जब कार्यक्रम तय हुआ था, तब रक्षाबंधन पर्व का ध्यान नहीं रहा। यह भी पता नहीं था कि नक्षत्र तय करने वाले, इस बार शुभ मुहूर्त का समय भी बदल देंगे। इस बार शुभ मुहूर्त दोपहर बाद दो बजे का कर दिया गया, जिसके चलते देर हो गई। मुख्यमंत्री ने खेल मंत्री रामकरन आर्य के हाकी का खिलाड़ी होने की बात कहने पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह धोती पहने हैं, इससे वह लगता ही नहीं कि हाकी खेलते होंगे लेकिन जब कोई स्टेडियम जाने लगता है, तो वह उसे छोड़ नहीं पाता। इस मौके पर खेल राज्यमंत्री फरीद महफूज किदवई, मंत्री राजेन्द्र चौधरी, अनुराग भदौरिया, प्रमुख सचिव खेल अनीता जैन भटनागर, सचिव खेल भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल समेत बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे।

नये पदों पर सिफारिशों को कर देंगे एडजस्ट

मुख्यमंत्री और अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते-गिनाते खेल राज्य मंत्री राम करन आर्य कुछ ऐसा कह गए, जिससे राजनीतिक नेतृत्व और समारोह में मौजूद लोग असहज हो गए। समारोह में राज्य मंत्री ने कोचों के 170 अतिरिक्त पद स्वीकृत करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कह दिया कि इन पदों पर तमाम सिफारिशों को भी एडजस्ट कर दिया जाएगा। आर्य ने कहा, 'अब 26-30 हजार रुपये मानदेय प्रशिक्षकों को मिल रहा है। पहले कोच पदों पर नियुक्ति के लिए खिलाड़ी उत्साहित नहीं रहते थे, जब से हमने मानदेय दोगुना किया तब से सिफारिशों की बाढ़ आ गई है। मेरा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि 170 अतिरिक्त पद स्वीकृत किए जाएं, ताकि हर जिले में कम से कम 10 कोच हो जाएं। इन पदों पर हम सिफारिशों को भी एडजस्ट कर देंगे।Ó अपने मंत्री का बयान सुनकर मुख्यमंत्री ने भी सिर झुका लिया, जबकि अधिकारी बेचैन हो गए। लोग अपनी हंसी नहीं रोक सके। इस बार सरकार ने 580 पदों पर मानदेय और सीधी भर्ती की इजाजत खेल विभाग को दी है। जनरल और ओबीसी कोटे की सभी सीटें भर गई हैं, जबकि एससी और एसटी कोटे की कुछ सीटें खाली हैं। इन पर भर्ती के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के पास हर रोज सिफारिशें आ रही हैं।

हावी रही खेल विभाग की राजनीति

समारोह में खेल विभाग के निदेशक आरपी सिंह ने सक्रिय भूमिका निभाई। उनके साथ इसी माह प्रमोशन पाने वाले उप निदेशक अश्विनी कुमार सिंह भी थे, लेकिन संयुक्त निदेशक अनिल कुमार बनौधा और उप निदेशक राज नारायण सिंह यादव नहीं थे। सूत्रों के अनुसार बनौधा के खिलाफ गुरु गोविंद सिंह स्पोट्र्स कॉलेज के मामले में चल रही जांच और राज नारायण की स्पोट्र्स कॉलेज के तीन महीने के अल्प कार्यकाल से वरिष्ठ अधिकारी खफा थे। इसी वजह से दोनों को समारोह की तैयारियों से दरकिनार कर दिया गया। दोनों शनिवार को अपने ऑफिस पहुंचे थे, लेकिन समारोह में नहीं दिखे।

जगबीर सिंह को मिलेगा बड़ा पद

पूर्व ओलंपियन जगबीर सिंह को जल्द ही खेल विभाग में बड़ा पद दिया जा सकता है। आगरा निवासी जगबीर अर्जुन पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। शुक्रवार को राज्य सरकार ने अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार समेत खेल के क्षेत्रों में पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित खिलाडिय़ों को 20 हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का फैसला किया था। समारोह में जगबीर समेत छह अजुर्न अवार्डी मौजूद थे। मगर जगबीर सिंह को बोलने का अवसर दिया गया। सूत्रों के अनुसार जगबीर को लखनऊ स्पोट्र्स कॉलेज का स्थायी प्रिंसिपल बनाया जा सकता है। इसके लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की अगुआई में लॉबिंग की जा रही है। अहम है कि जगबीर भी लखनऊ स्पोट्र्स कॉलेज के छात्र रह चुके हैं। उनके बेचमैट आरपी सिंह इस समय राज्य के खेल निदेशक हैं। जगबीर ने अपने भावपूर्ण भाषण में मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की जमकर तारीफ की।


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