यूपी से पुराना रिश्ता, बेटा सिंगर नहीं बनेगा: सोनू
महोत्सव में आज रात सोनू निगम को देखने-सुनने की चाहत में हर कोई बेकरार था। वीआइपी से लेकर आम दर्शक तक पंडाल में सीट हासिल करने की जोड़तोड़ में थे। अफसरों के भी होश उड़े थे।
लखनऊ। लखनऊ महोत्सव के दौरान सोनू निगम ने कहा कि यूपी से मेरा बहुत ही पुराना रिश्ता है। बहुत ही कम लोगों को पता है कि मेरी दादी कानपुर के घाटमपुर की हैं, जिसके चलते मैं यहां की संस्कृति से अच्छी तरह से वाकिफ हूं। महोत्सव में प्रस्तुति करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है, यहां के श्रोताओं को संगीत की काफी समझ है। महोत्सव में कलाकारों को बढ़ावा देना अच्छी बात है। सोनू निगम ने कहा कि महोत्सव में लोक कलाकारों और क्षेत्रीय कलाकारों के लिए मंच उपलब्ध कराना और उनका हौसला बढ़ाने का काम करना एक अच्छी पहल है। मैं खुद कलाकार हूं इसलिए समझ सकता हूं कि कितना अच्छा लगता है जब एक कलाकार हजारों लोगों के सामने प्रस्तुति देता है।
बेटा सिंगर नहीं बनेगा
बेटे की सिंगिंग के बारे में पूछने पर सोनू ने कहा कि उसके बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा, लेकिन घर में एक ही सिंगर काफी है। काम न करने के बारे में उन्होंने कहा कि ऑफर मिल रहे हैं, लेकिन अच्छा काम मिलता है तभी करता हूं।
सोनू को सुनने की बेकरारी
महोत्सव में आज रात सोनू निगम को देखने-सुनने की चाहत में हर कोई बेकरार था। वीआइपी से लेकर आम दर्शक तक पंडाल में सीट हासिल करने की जोड़तोड़ में थे। अफसरों के भी होश उड़े थे। महोत्सव स्थल के आसपास की सड़कों पर टै्रफिक जाम से बुरा हाल था। हर कोई अंदर जाने को परेशान था। वहीं पंडाल के भीतर लोगों में जबर्दस्त उत्साह था। महोत्सव के वीआइपी प्रवेश द्वार भी कारों की लंबी कतार थी। तमाम लोग पास होने के बावजूूद अंदर दाखिल नहीं हो पा रहे थे। वहीं पुलिसकर्मियों ने अंदर हाउसफुल होने की बात कहकर गेट बंद कर दिया। गेट के बाहर लोग पास होने की दुहाई दे रहे थे। कई लोग पुलिसकर्मियों से बहस करते दिखे। बाहर की तरह अंदर भी माहौल गर्म था। वीआइपी को बैठाने के लिए अफसरों के पसीने छूट रहे थे। प्रोटोकाल के हिसाब से सीट मिल जाए सब इसी जुगत में लगे थे।