राज्यपाल राम नाईक के आमंत्रण पर लखनऊ आएंगी सोनिया गांधी
भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता भले ही अक्सर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसते रहते हैं, लेकिन अटल सरकार में मंत्री रहे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के आमंत्रण पर सोनिया गांधी लखनऊ आएंगी। सानिया गांधी ने पत्र के माध्यम से राज्यपाल के आमंत्रण को स्वीकार कर
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता भले ही अक्सर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तंज कसते रहते हैं, लेकिन अटल सरकार में मंत्री रहे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के आमंत्रण पर सोनिया गांधी लखनऊ आएंगी। सानिया गांधी ने पत्र के माध्यम से राज्यपाल के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। सांसदों के साथ विकास पर चर्चा का नया प्रयास करते हुए राज्यपाल ने 10 अगस्त को राज्य के लोकसभा व राज्यसभा सदस्यों को पत्र लिखा था।
कांग्रेस अध्यक्ष व रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी ने राज्यपाल राम नाईक का 'आमंत्रण' स्वीकार कर लिया है। लखनऊ आने पर उनसे मिलकर उत्तर प्रदेश के विकास पर चर्चा का वादा भी किया। राम नाईक के पत्र में कहा गया था कि मेरे एक साल की कार्यावधि में राजभवन में आप महानुभावों से मुलाकात नहीं हो सकी। आप महानुभावों से मुलाकात कर मुझे प्रसन्नता होगी और राज्य के विकास पर सार्थक वार्तालाप हो सकेगी। यह भी कहा गया था कि राज्य के 25 विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होने के चलते उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयत्न कर रहे हैं, इसमें उनके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे।
राज्यपाल के पत्र का जवाब देने में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ सपा और बसपा के अधिकतर सांसद भले पिछड़ गये हों मगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवाब देने में देर नहीं की। सोनिया ने राज्यपाल को भेजे जवाबी खत में आमंत्रण स्वीकारते हुये कहा है कि जब भी लखनऊ आएंगी तो प्रयास करेंगी कि राजभवन आकर उनसे मुलाकात कर सकें। उन्हें खुद भी उत्तर प्रदेश के विकास पर चर्चा करने और उसके लिये प्रयास करने में खुशी होगी।
सोनिया गांधी के यह खत यूं तो संसदीय परम्परा का निर्वाह है, मगर राज्य में जिस तरह से सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की सरकार व राजभवन के रिश्ते थोड़ा तल्ख होते दिख रहे हैं, उससे सोनिया गांधी के आमंत्रण स्वीकारने की सियासी अर्थ भी लगाये जा रहे हैं। यूं भी सोनिया की रमजान इफ्तार पार्टी में सपा के नेताओं ने शिरकत न कर कांग्रेस से थोड़ी दूरी रखने का संकेत दिया था। ऐसे में अगर सोनिया गांधी लखनऊ दौरे में राज्यपाल से मुलाकात करती हैं तो उसके अपने सियासी अर्थ होंगे।