मुजफ्फरनगर में दलित को जबरन मूत्र पिलाया
बे समय तक दंगों की आग में झुलसे मुजफ्फरनगर में अभी भी स्थितियां सामान्य नहीं हैं। गन्ना की खेती के लिए विख्यात इस जिले में एक दलित को दबंगों ने मूत्र पिलाने का दुस्साहसिक काम किया है। पुलिस ने इस घटना से इन्कार किया है, लेकिन पिटाई की बात मानी
लखनऊ। लंबे समय तक दंगों की आग में झुलसे मुजफ्फरनगर में अभी भी स्थितियां सामान्य नहीं हैं। गन्ना की खेती के लिए विख्यात इस जिले में एक दलित को दबंगों ने मूत्र पिलाने का दुस्साहसिक काम किया है। पुलिस ने इस घटना से इन्कार किया है, लेकिन पिटाई की बात मानी है।
मुजफ्फरनगर के बड़कली गांव में पीडि़त के भाई पोपीन कुमार ने आरोप लगाया कि उसका भाई गोविंद 22 अप्रैल को राशन कार्ड बनवाने जा रहा था, तभी गांव के तीन दबंगो ने उसे रोक लिया। इन लोगों को गोविंद पर चोरी करने का शक था। बाद में उसे एक कमरे में बंधक बनाकर जमकर पीटा गया, कील ठोंकी गई और उसे पेशाब पीने को मजबूर किया गया। पूरे गांव में पोपीन को नंगा करके घुमाया गया, लेकिन गांव में किसी ने भी नहीं रुका। दलितों ने पूरे प्रकरण का विरोध किया तो उनसे भी मारपीट की गई। कार्रवाई न होने पर दलित समाज के लोगों ने एसएसपी कार्यालय का घेराव किया था और उसके बाद ही मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई। संबंधित थानेदार का कहना है कि चोरी के मामले में दलित की पिटाई का मामला सामने आया है। पेशाब पिलाने और सल्फास खिलाने का आरोप बिल्कुल गलत है।