सूखा झेल रहे 44 जिलों को 6000 करोड़ की दरकार
लखनऊ। राज्य सरकार 44 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की कवायद में जुट गई है। सूखाग्रस्त जिलों क
लखनऊ। राज्य सरकार 44 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की कवायद में जुट गई है। सूखाग्रस्त जिलों के लिए केंद्र सरकार से छह हजार करोड़ रुपये की दरकार है। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूर कराने के लिए कार्यवाही शुरू हो गई है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार केंद्र से सूखाग्रस्त जिलों के लिए आर्थिक मदद की मांग करेगी।
जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी। 31 अगस्त तक 44 जिलों में पचास फीसद से कम बारिश हुई थी। राहत आयुक्त कार्यालय ने इन जिलों को सूखाग्रस्त जिलों की फेहरिस्त में शामिल करते हुए राजस्व विभाग को प्रस्ताव भेजा था। जिन जिलों को सूखाग्रस्त की सूची में शामिल किया गया है उनमें 19 ऐसे हैं जिनमें 40 प्रतिशत से कम वर्षा हुई है। राजस्व विभाग ने प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया है। प्रस्ताव में सूखे के कारण किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई, फसलों के सूखने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नई फसल के लिए उन्हें खेती के लिए बीज आदि मुहैया कराने, पेयजल की व्यवस्था, पशुओं के चारे, खेती के लिए उपलब्ध कराई जा रही बिजली पर होने वाले अतिरिक्त खर्च आदि को शामिल करते हुए धनराशि की मांग की गई है।
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इन जिलों पर सूखे की मार
सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, अलीगढ़, मथुरा, अमरोहा, रामपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, फिरोजाबाद, एटा, इटावा, मैनपुरी, औरैया, कानपुर नगर, कन्नौज, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, फतेहपुर, कौशांबी, उन्नाव, हरदोई, झांसी, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, बांदा, महोबा, हरदोई, अमेठी, फैजाबाद, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, चंदौली।
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