Move to Jagran APP

शिव आशीष ले विदा हो गए संत-कल्पवासी, संगम क्षेत्र में उमड़ी भीड़

शिव-शक्ति मिलन पर्व 'महाशिवरात्रि ' पर इलाहाबाद के तीर्थराज प्रयाग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पुण्य की लालसा में लाखों श्रद्धालुओं ने मंगलवार को पतित पावनी गंगा-श्यामलय यमुना व अदृश्य सरस्वती की सलिला में डुबकी लगाकर यथासंभव दान-पुण्य किया। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में मत्था टेककर रुद्राभिषेक, महाभिषेक कर देवाधिदेव

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 17 Feb 2015 12:08 PM (IST)Updated: Tue, 17 Feb 2015 01:52 PM (IST)
शिव आशीष ले विदा हो गए संत-कल्पवासी, संगम क्षेत्र में उमड़ी भीड़

लखनऊ। शिव-शक्ति मिलन पर्व 'महाशिवरात्रि ' पर इलाहाबाद के तीर्थराज प्रयाग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पुण्य की लालसा में लाखों श्रद्धालुओं ने मंगलवार को पतित पावनी गंगा-श्यामलय यमुना व अदृश्य सरस्वती की सलिला में डुबकी लगाकर यथासंभव दान-पुण्य किया। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में मत्था टेककर रुद्राभिषेक, महाभिषेक कर देवाधिदेव महादेव से भूल-चूक की क्षमायाचना करते हुए आशीष मांगा। महाशिवरात्रि स्नान के साथ संगम तट पर चल रही तपस्या 'कल्पवास ' का समापन हो गया। इससे बांध के नीचे संतों, कल्पवासियों से गुलजार रहने वाले क्षेत्र का दृश्य पूरी तरह से बदल गया। संत व कल्पवासी स्नान कर भोलेनाथ का पूजन कर प्रयाग की तपस्थली का प्रणाम कर विदा हो गए।

loksabha election banner

महाशिवरात्रि पर संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला भोर से आरंभ हो गया। सूर्योदय होने पर स्नानार्थियों की संख्या बढ़ती गई। स्नान के बाद तीर्थपुरोहितों के निर्देशानुसार दान-पुण्य किया। इसके साथ माघ मेला क्षेत्र में रुके कल्पवासियों ने स्नान के बाद शिविर में शिवलिंग बनाकर उनका अभिषेक कर कुल देवता व पूर्वजों का पूजन किया। भूल-चूक की क्षमा याचना करते हुए पुन: आने का संकल्प लेकर घर-गृहस्थी में रवाना हो गए। प्रयाग में कल्पवास का आरंभ पौष पूर्णिमा से हुआ। देश के कोने-कोने से आए कल्पवासी व संत रेती पर शिविर लगाकर दिन में तीन बार गंगा स्नान, एक समय भोजन, संतों के सानिध्य में प्रवचन-पूजन में लीन रहे। बीच-बीच में मौसम की बेरुखी से भारी बारिश भी हुई। बावजूद इसके उनकी आस्था नहीं डिगी, अधिकतर संत व कल्पवासी माघी पूर्णिमा स्नान कर यहां से लौट गए, परंतु कुछ महाशिवरात्रि का स्नान करने के लिए तपस्थली में जमे रहे। संगम के साथ दशाश्वमेध, मनकामेश्वर, पडि़ला महादेव एवं शिवकोटि शिवालय में दर्शन, पूजन व अभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.