बदमाशों से दोस्ती में सात इंस्पेक्टर, 65 दारोगा नपे, 626 सिपाही ट्रांसफर
इसमें सात इंस्पेक्टरों को अवांछनीय तत्वों से संबंध रखने का आरोपी ठहराया गया। छह को जोनल आइजी ने स्थानांतरित किया और एक इंस्पेक्टर को डीजीपी मुख्यालय से सीधे स्थानांतरित किया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। माफिया, बदमाशों से संबंध और ठेका-पट्टे में संलिप्तता केइल्जाम में जिन 626 पुलिसकर्मियों को सुदूर क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया है उनमें सात इंस्पेक्टर, 65 दारोगा (उपनिरीक्षक) और 489 सिपाही हैं। इनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी है।
प्रमुख सचिव (गृह) देबाशीष पंडा व डीजीपी जावीद अहमद के निर्देश पर अवांछनीय तत्वों से संबंध रखने, ठेका-पट्टा में संलिप्तता और लंबे समय से एक जिले में तैनात पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने का अभियान शुरू किया गया था। एक पखवारे तक चले इस अभियान में जहां जोन स्तर पर आइजी जोन ने यह अभियान चलाया, वहीं राज्य स्तर पर डीजीपी की देखरेख में यह अभियान चलाया गया। इसमें सात इंस्पेक्टरों को अवांछनीय तत्वों से संबंध रखने का आरोपी ठहराया गया।
छह को जोनल आइजी ने स्थानांतरित किया और एक इंस्पेक्टर को डीजीपी मुख्यालय से सीधे स्थानांतरित किया गया। ऐसे इल्जामों से घिरे 48 उपनिरीक्षकों को आइजी ने और 17 उपनिरीक्षकों को डीजीपी मुख्यालय के आदेश से स्थानांतरित किया गया है। इस कड़ी में प्रोन्नत वेतनमान के चार दारोगा को डीजीपी मुख्यालय के आदेश पर हटाया गया। नागरिक पुलिस के 24 हेड कांस्टेबिल को डीआइजी के आदेश और 17 को डीजीपी मुख्यालय से स्थानांतरित किया गया।
251 सिपाहियों को डीआइजी व आइजी स्तर से और 238 सिपाहियों को डीजीपी मुख्यालय के आदेश पर स्थानांतरित किया गया। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों की सरकारी गाड़ी चलाने वाले पुलिस के 16 ड्राइवर सिपाहियों को भी सुदूर जिलों में स्थानांतरित काया गया है। तीन आरमोर्रर और एक हेड कांस्टेबिल मैकेनिकल को भी दूसरे जिले भेजा गया है।
पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि इन पुलिसकर्मियों के बारे में गहराई से जांच चल रही है। जल्द ही प्रशासनिक कार्रवाई भी शुरू की जाएगी। माफिया के संबंध, ठेका-पट्टा में संलिप्त पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने का सिलसिला चलता रहेगा।