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अतिक्रमण से सिमटने लगा रिहंद का दायरा

कूड़ा-करकट, गांवों की गंदगी और परियोजनाओं से निकलने वाली राख रिहंद बांध के लिए मुश्किलें खड़ी करने लगी हैं। दर्जन भर विद्युत परियोजनाओं को खुराक देने वाले रिहंद बांध का क्षेत्रफल घटता जा रहा है। जल ग्रहण क्षमता 10 फीट घटाए जाने से जहां अतिक्रमण को बढ़ावा मिला वहीं विभिन्न

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2015 09:23 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2015 09:25 PM (IST)

लखनऊ। कूड़ा-करकट, गांवों की गंदगी और परियोजनाओं से निकलने वाली राख रिहंद बांध के लिए मुश्किलें खड़ी करने लगी हैं। दर्जन भर विद्युत परियोजनाओं को खुराक देने वाले रिहंद बांध का क्षेत्रफल घटता जा रहा है। जल ग्रहण क्षमता 10 फीट घटाए जाने से जहां अतिक्रमण को बढ़ावा मिला वहीं विभिन्न परियोजनाओं से निकलने वाली राख व गांव की गंदगी ने बांध को पाटना शुरू कर दिया है।

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वर्ष 2001 तक सोनभद्र जिले में स्थित रिहंद बांध की जल ग्रहण क्षमता 880 फीट थी। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष झमाझम बारिश से कई बंधियां टूट गई थी। टूटी बंधियों का पानी सीधे रिहंद बांध में पहुंचा था। इस दौरान रिहंद बांध का गेट खोलकर वार्षिक अनुरक्षण का कार्य किया जा रहा था। छत्तीसगढ़ से बंधियों का पानी पहुंचने के कारण अचानक रिहंद बांध का 10 से 12 फीट पानी बढ़ गया था। उस वक्त परियोजना की चार टरबाइनों में अनुरक्षण का काम चल रहा था। इंटेक गेट भी खुला हुआ था। पानी आने से एक टरबाइन अपने आप चल पड़ी थी और कुछ देर बाद टरबाइन के कई उपकरण फुंक गए थे। इससे रिहंद बांध पर भी विपरीत असर पड़ा। इस घटना के बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों की नींद उड़ गई। केंद्रीय जल आयोग गंभीर भी हुआ और केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों से मंत्रणा के बाद उसकी क्षमता 10 फीट घटाते हुए 870 फीट कर दी गई। यहीं से शुरू हुआ रिहंद बांध के क्षेत्रफल सिकुडऩे का सिलसिला।

खाली जमीन पर करने लगे अतिक्रमण

जल ग्रहण क्षमता कम किए जाने से रिहंद बांध में पानी का दायरा भी कम हो गया। इससे बांध की काफी जमीन खाली हो गई और लोगों ने उस पर कब्जा करना शुरू कर दिया। कब्जे का खेल अनपरा, शक्तिनगर क्षेत्र में बांध के तटीय इलाके में अधिक है। परियोजनाओं से निकलने वाली राख भी रिहंद बांध की जल ग्रहण क्षमता को प्रभावित कर रही है। इससे बांध की गहराई कम हो रही है। यही नहीं बांध के चारों तरफ आबाद कई दर्जन गांवों की गंदगी भी बांध की जल ग्रहण क्षमता पर विपरीत असर डाल रही है। जल विद्युत निगम पिपरी के अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र सिंह के मुताबिक यह बात सही है कि जल ग्रहण क्षमता को 10 फीट कम करने से विद्युत उत्पादन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। वैसे रिहंद बांध की भूमि पर हो रहे कब्जे को रोकने का प्रयास जारी है।

रिहंद बांध एक नजर में...

बांध की लंबाई-3065 फीट

बांध की ऊंचाई-300 फीट

बांध की ऊपरी चौड़ाई-24 फीट

बांध की आधार चौड़ाई-275 फीट

समुद्र तल से ऊंचाई-894.5 फीट

टेंडर गेट- 13 फाटक

जलाशय का कैचमेंट एरिया- 5148 वर्गमील

जलाशय का क्षेत्रफल- 180 वर्गमील

जलाशय की क्षमता- 8600 एकड़ मील

अधिकतम जलस्तर- 870 फीट

पनबिजली उत्पादन शक्ति-300 मेगावाट


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