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रामजन्मभूमि विवाद : अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि तथा बाबरी मस्जिद की जमीन के विवाद को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लखनऊ में इमरजेंसी बैठक आयोजित की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 10:16 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 03:36 PM (IST)
रामजन्मभूमि विवाद : अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
रामजन्मभूमि विवाद : अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मध्यस्थता पैनल के साथ होने वाली बैठक को लेकर अपनी रणनीति तय करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कार्यकारिणी समिति की आपात बैठक बुलाई। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने अयोध्या विवाद को लेकर अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहने का फैसला किया है। बोर्ड का मानना है कि जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह बाबरी मस्जिद की जमीन है।

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नदवा कॉलेज में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि मध्यस्थता पैनल के सामने बोर्ड का पक्ष क्या होगा। बोर्ड की ओर से मध्यस्थता पैनल के सामने क्या और किस तरह से तथ्य प्रस्तुत किये जाएं और तर्क दिये जाएं। इस बारे में बोर्ड की रणनीति का खाका खींचा गया। लगभग पांच घंटे चली बैठक के बाद बोर्ड इस नतीजे पर पहुंचा कि वह अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहेगा। बैठक में मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मामले की पैरोकारी कर रहे अधिवक्ता भी शामिल थे।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को सुलह-समझौते के आधार पर सुलझाने के मकसद से सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मो. इब्राहिम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थता पैनल गठित किया था। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू को सुप्रीम कोर्ट ने इस पैनल में सदस्य नामित किया है। चर्चा है कि यह पैनल 26 मार्च को अयोध्या पहुंचेगा और 27 मार्च से वहां लगातार तीन दिनों तक अयोध्या विवाद से जुड़े विभिन्न पक्षकारों के साथ बैठकें कर उनका पक्ष जानेगा।


बैठक में उपाध्यक्ष मौलाना जलालुददीन उमरी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, प्रवक्ता मौलाना खलीलुर्रहमन सज्जाद नोमानी, सचिव जफरयाब जीलानी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह, कार्यकारिणी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना अशहद रशीदी, कमाल फारूकी, काका सईद उमरी, डॉ. कासिम रसूल इलियास, मौलाना अतीक बस्तवी, मौलाना फखरुददीन अशरफ, मौलाना शाहिद सहारनपुरी, महिला विंग से डॉ. असमा जेहरा, निगहत परवीन, आमिना रिजवान, प्रोफेसर मोनीसा बुशरा आब्दी, सबीहा सिददीकी आदि शामिल हुए।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी का गठन किये जाने के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लगातार बैठकें कर रहा है। इससे पहले 12 मार्च को भी नदवा कॉलेज में बोर्ड की बैठक हुई थी जिसमें अयोध्या विवाद से जुड़े मुस्लिम पक्षकारों को भी बुलाया गया था। इस बैठक में शामिल बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के पक्षकार इकबाल अंसारी ने मध्यस्थता कमेटी की जायज बात मानने की बात कही थी। साथ ही कमेटी में श्रीश्री रविशंकर को शामिल किये जाने पर ऐतराज भी जताया था। उन्होंने कहा था कि हम साधु संतों के साथ हैं, अगर साधु संत रविशंकर का विरोध करेंगे तो हम भी उनका विरोध जारी रखेंगे।

तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती दे सकता है बोर्ड
तीन तलाक पर मोदी सरकार की ओर से लाये गए अध्यादेश को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड लोकसभा चुनाव के बाद जनहित याचिका के जरिये अदालत में चुनौती दे सकता है। सूत्रों के अनुसार बोर्ड की बैठक में इस पर भी सहमति बनी। बोर्ड तीन तलाक पर सरकार के कदम का विरोध करता रहा है। याचिका के जरिये बोर्ड अदालत को अपने नजरिये से अवगत कराएगा। इस सिलसिले में बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से राष्ट्रपति को पत्र भी भेजा जा चुका है।


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