कौमी एकता दल का ओवैसी की पार्टी से गठबंधन का संकेत
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के हैदराबाद के सांसद औवैसी की पार्टी से गठबंधन करने के संकेत मिल रहे हैं।
लखनऊ (वेब डेस्क)। सत्तारुढ़ समाजवादी में विलय के दो दिन बाद ही बाहर होने वाली कौमी एकता दल 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा। इसके साथ ही अब गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के हैदराबाद के सांसद औवैसी की पार्टी से गठबंधन करने के संकेत मिल रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अफजाल अंसारी ने बताया कि कौमी एकता दल विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा।
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इस काम महागठबंधन के तहत अंजाम दिया जाएगा। अफजाल अंसारी ने कहा कि कौमी एकता दल बिहार की तर्ज पर सपा, बसपा व भाजपा को छोड़कर उत्तर प्रदेश में सभी क्षेत्रीय छोटे दलों का महागठबंधन तैयार करेगा। इस गठबंधन के उम्मीदवार बिखर रहे पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक मतों को एकजुट कर बड़े दलों को उनकी हैसियत बता देंगे।
उन्होंने महागठबंधन के बाबत विस्तार से कुछ कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कहा कि अभी बातचीत चल रही है, बहुत से लोग संपर्क में हैं। अगस्त महीने में सभी के साथ मिल-बैठकर पूरा खाका बना लिया जाएगा। संभव है कि अगस्त में ही महागठबंधन की घोषणा भी हो जाय। अफजाल ने कहा कि चालाक पार्टियां अभी से मैदान में कूद पड़ी हैं, मगर उनके हाथ कुछ लगने वाला नहीं। चालाक पार्टियों के सवाल पर कहा कि सभी चालाक हैं, केवल हम बेवकूफ हैं। आने वाले दिनों में सब पता चल जाएगा।
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उत्तर प्रदेश में जड़ें जमाने की कोशिश में जुटी ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से गठबंधन की सम्भावना के सवाल पर उन्होंने कहा कि ओवैसी कोई 'अछूत' नहीं हैं। हालात और वक्त की नजाकत इंसान को नये फैसले लेने के लिये मजबूर करती है। ओवैसी के भाजपा के प्रति झुकाव के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर अंसारी ने सवाल किया कि आप पहले हमें बता दें कि क्या समाजवादी पार्टी के लोगों के रिश्ते भाजपा के साथ नहीं है। क्या बसपा के रिश्ते भाजपा के साथ नहीं है।
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ओवैसी या अफजाल अंसारी को अपने सेकुलर होने के लिए किसी से चरित्र प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी बिहार में विधानसभा चुनाव लडऩे गये थे, तो क्या मुलायम सिंह यादव नहीं गये थे, क्या यह सवाल सपा मुखिया से नहीं किया जाएगा। समाजवादी पार्टी में विलय के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे साथ धोखा हुआ है और हम खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं।अपराधियों का दल कौन सा है, इसका जवाब जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में देगी। मुख्तार के आपराधिक चरित्र की वजह से सपा में विलय न हो पाने के सवाल पर कहा कि मुख्तार अंसारी जनता की अदालत से लगातार जीत दर्ज करते रहे हैं। उन्होंने कहा जनता मुख्तार अंसारी को अपना प्यार-दुलार देती आई है, वे गरीबों के दिलों पर राज करते हैं।