समाजवादी 'समधी' परिवार में सियासी फूट
देश के समाजवादी 'समधी' परिवार में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आज सियासी फूट पड़ गई। अब दोनों परिवार बिहार विधानसभा चुनाव में अलग-अलग ताल ठोकेंगे।
लखनऊ। देश के समाजवादी 'समधी' परिवार में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आज सियासी फूट पड़ गई। अब दोनों परिवार बिहार विधानसभा चुनाव में अलग-अलग ताल ठोकेंगे।
लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी की संसदीय दल की बैठक में पार्टी ने बिहार में महागठबंधन को ठुकरा दिया है। समाजवादी पार्टी ने महागठबंधन टूटने पर सबसे अधिक दोषारोपण राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री व बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर किया है। लालू प्रसाद यादव सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के समधी भी है। लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी का विवाह मुलायम सिंह यादव के नाती तथा मैनपुरी से पार्टी के सांसद तेज प्रताप सिंह यादव से हुआ है। आज सपा संसदीय बोर्ड की बैठक से बाद निशाने पर समधी लालू प्रसाद यादव हीं रहे। राम गोपाल ने सपा को कम सीटें मिलने का ठीकरा लालू प्रसाद यादव पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार में समाजवादी पार्टी को हमेशा से अपमानित करने का प्रयास किया गया है। इसके पीछे लालू प्रसाद यादव की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने हमको धोखा दिया है। इससे पहले भी 1996 में मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता खुल गया था, लेकिन लालू प्रसाद यादव ने धोखा दिया था।
मुलायम सिंह यादव तथा लालू प्रसाद यादव का परिवार बीती फरवरी में ही रिश्तेदार में बदले थे। तेज प्रताप सिंह यादव मुलायम सिंह के भाई स्वर्गीय रनवीर सिंह के पुत्र हैं। रनवीर सिंह की स्मृति में सैफई में महोत्सव होता है। उनका विवाह राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी यादव से साथ हुआ है। राजलक्ष्मी लालू प्रसाद यादव की सातवीं पुत्री हैं।
बिहार प्रभारी पद से हट सकते हैं किरनमय नंदा
बिहार में अकेले दम पर विधानसभा का फैसला लेने वाली समाजवादी पार्टी राज्यसभा सदस्य किरनमय नंदा पर भी कार्रवाई कर सकती है। किरनमय नंदा से बिहार के प्रभारी का कार्य वापस लिया जा सकता है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि बिहार में सीट बंटवारे के पहले नंदा ने पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से बात तक नहीं की थी।